Move to Jagran APP

भक्ति का दूसरा नाम प्रभु पर पूर्ण विश्वास : संतोष

श्री कपिल मुनि मंदिर प्रांगण में आज श्रीमछ्वागवत ज्ञान कथा का आयोजन तीसरे दिन धूमधाम से आयोजित हुआ। श्रृद्धालुओं को भागवत ज्ञान का अमृत पान कराते हुए कथा व्यास आचार्य संतोष कृष्ण ने कहा कि संतोष ने कहा कि प्रभु का नाम स्मरण करना बहुत ही सरल है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 09:30 AM (IST)
भक्ति का दूसरा नाम प्रभु पर पूर्ण विश्वास : संतोष
भक्ति का दूसरा नाम प्रभु पर पूर्ण विश्वास : संतोष

संवाद सहयोगी, कलायत :श्री कपिल मुनि मंदिर प्रांगण में आज श्रीमछ्वागवत ज्ञान कथा का आयोजन तीसरे दिन धूमधाम से आयोजित हुआ। श्रृद्धालुओं को भागवत ज्ञान का अमृत पान कराते हुए कथा व्यास आचार्य संतोष कृष्ण ने कहा कि संतोष ने कहा कि प्रभु का नाम स्मरण करना बहुत ही सरल है। भक्ति आसान व सरल है तथा नाम जप के बिना मानव का कल्याण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मानव को चाहिए की वह अपना जीवन लक्ष्य निर्धारित करे। ध्येय निश्चित करके उसे सिद्ध करने के लिए साधना आवश्यक है। इस कलिकाल में और तो कुछ हो नही सकता इस लिए नाम स्मरण का ही आसरा लेना चाहिए क्योंकि कलिकाल में नामसेवा ही प्रधान मानी गई है। रामचरित मानस में तुलसी दास ने भी कहा है कि राम से बड़ा राम का नाम। राम का नाम लिख कर जब पत्थर भी पानी पर तैर गए तो हम भी भगवान के नाम का सिमरण करके भवसागर से पार हो सकते हैं। कथा व्यास ने कहा कि स्वरूप सेवा है तो उत्तम पर यह शीघ्र फलदायी नही होती। स्वरूप सेवा में पवित्रता की बड़ी आवश्यकता होती है जो मनुष्य के लिए संभव नहीं है। इस लिए कलियुग में मानव नामसेवा करके परम गति को प्राप्त कर सकता है।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.