जल को संचित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें पशुपालक : देवेंद्र
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के आर्थिक सलाहकार देवेंद्र सिंह ने पशु पालकों का आह्वान किया कि वे जल शक्ति अभियान के तहत वर्षा के जल को संचित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें ताकि जल संरक्षण करते हुए भूमिगत जल के निरंतर गिरते स्तर में सुधार किया जा सके।
संवाद सहयोगी, पूंडरी:
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के आर्थिक सलाहकार देवेंद्र सिंह ने पशु पालकों का आह्वान किया कि वे जल शक्ति अभियान के तहत वर्षा के जल को संचित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें ताकि जल संरक्षण करते हुए भूमिगत जल के निरंतर गिरते स्तर में सुधार किया जा सके। वे बृहस्पतिवार को पूंडरी स्थित नई अनाज मंडी में डीसी डॉ. प्रियंका सोनी के साथ पशु पालन एवं डेयरी विभाग की ओर से आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी कार्यक्रम में प्रदर्शनी का उद्घाटन करने एवं इसके अवलोकन के उपरांत उपस्थित पशु पालकों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। प्रदर्शनी के दौरान पशुओं का कैटवाक भी करवाया गया। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया व पशुधन प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि जिला के पशु पालकों के लिए पहली बार ऐसा आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि पशु पालक अपने पशुओं की बच्चों की तरह देख-रेख करते हैं। विभाग द्वारा पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएं क्रियांवित की जा रही हैं। कहा कि जल के अत्यधिक दोहन वाले 254 जिलों में जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है, जो आगामी 15 सितंबर तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जल संरक्षण के लिए विभिन्न 5 बिदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। जिला में इस अभियान के तहत सभी सरकारी भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जा रहे हैं तथा गांवों में भी प्रत्येक गांवों में 100-100 सोखता गड्ढों बनाए जा रहे हैं ताकि वर्षा के जल को संचित किया जा सके। जिला में अभियान के तहत परंपरागत जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
पराली न जलाएं किसान
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था में पशु धन का भी उतना ही योगदान है, जितना कृषि क्षेत्र का योगदान है। डा.प्रियंका सोनी ने कहा कि कोई भी किसान धान की पराली को न जलाएं। ऐसा करने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है। पराली जलाने से फैलने वाले धुएं से कई बार भीषण सड़क दुर्घनाएं भी हो जाती हैं। विभाग के उप निदेशक डॉ. सुखदेव राठी ने कहा कि विभाग द्वारा जिला में प्रथम बार जिला स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। विभाग द्वारा जिला में 5500 पशुओं का बीमा करवाया गया है तथा टीकाकरण के प्रथम चरण में मुंह खुर टीके लगाए गए हैं। विभाग द्वारा पशु पालकों को क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे हैं। विभाग ने प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर पशु धन प्रदर्शनी के नोडल अधिकारी डाएनडी गोयल, डॉ. राज सिंह चहल, डा. थिड, डा. देवेंद्र ढुल, डा. गुलशन सहित विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी तथा जिला भर से पशुओं को लेकर पहुंचे पशुपालक मौजूद रहे। बाक्स-
मेले में रहा अव्यवस्थाओं का आलम :
मेले के दौरान अव्यवस्थाओं का आलम भी देखने को मिला। भीष्ण गर्मी में जहां पशुओं के पीने के लिए पानी के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं दिये। वहीं कार्यक्रम स्थल पर पंखों के सामने बैठने की होड़ सी लगी रही। कैटवाक शुरू होते ही किसान अपनी सीटें छोड़कर कैटवाक स्थल के काफी नजदीक तक पहुंच गये। जबकि मंच से बार-बार ये कहा जाता रहा कि पशुओं के पास मत जाये पशु भीड़ देखकर घबरा जाते है।
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