134ए के तहत बजट आने के बावजूद कुंडली मारे बैठे अधिकारी
शिक्षा विभाग के पास 134ए के तहत 4 करोड़ 68 लाख रुपये का बजट पहुंच चुका है लेकिन उक्त रकम को निजी स्कूल संचालकों को नहीं दिया जा रहा है।
कमल बहल, कैथल : शिक्षा विभाग के पास 134ए के तहत 4 करोड़ 68 लाख रुपये का बजट पहुंच चुका है, लेकिन उक्त रकम को निजी स्कूल संचालकों को नहीं दिया जा रहा है। इस कारण स्कूल संचालकों विभागीय अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं, वहीं अधिकारियों का कहना है अभी तक निजी स्कूलों की तरफ से बजट लेने के लिए शर्ताें के अनुसार आवेदन ही नहीं आए हैं, जबकि निजी स्कूल संचालकों का दावा है कि जो शर्ते हैं वे सभी पूरी की जा चुकी हैं, बजट आने के बावजूद जानबूझकर राशि नहीं दी जा रही है। जिलेभर के निजी स्कूलों में 300 के करीब विद्यार्थी निजी स्कूलों में इस नियम के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। निजी स्कूलों के पास बजट की राशि न पहुंचने के कारण अभिभावकों को भी यह चिता सताती रही है कि कहीं स्कूल संचालक उनके बच्चों को स्कूल से निकाल न दें।
करीब 20 दिन पहले ही शिक्षा विभाग के पास बजट की राशि पहुंच चुकी है। विभाग ने 134ए के तहत राशि लेने के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों की 80 प्रतिशत तक हाजिरी होने और अलग बैंक खाता खोलने की शर्त लगाई गई थी। इसके बाद स्कूलों को इस शर्त को पूरा करने के बाद विभाग में आवेदन देने के लिए कहा गया था। अब तक विभाग के पास केवल सात स्कूलों के ही आवेदन आए हैं।
निजी स्कूल एसोसिएशन के राज्य सचिव वरुण जैन ने बताया कि जिला के स्कूलों को 134ए के तहत राशि देने में लापरवाही बरती जा रही है। एक महीना पहले ही सभी ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों के पास आवेदन की फाइल जमा करवा दी है। आवेदन की इन फाइलों को खंड शिक्षा अधिकारियों ने डीइइओ कार्यालय में जमा ही नहीं कराया है। इस कारण स्कूलों को राशि नहीं मिल पा रही है। ऐसे में यह प्रतीत होता है कि 134ए का बजट आने के बावजूद राशि देने पर अधिकारी कुंडली मारे बैठे हैं।
आवेदन नहीं आए
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि मेरे पास 134ए के तहत निजी स्कूलों के आवेदन नहीं आए है। जैसे ही आवेदन आएंगे तो स्कूलों के खाते में उनकी राशि जमा करवा दी जाएगी।
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