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रॉकी मित्तल के दौरे के बाद नप के एक्सईएन ने की हुडा में टूटी सड़कों की जांच

एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने शुक्रवार को हुडा सेक्टर 20 में लोगों की शिकायतों के बाद दौरा कर नई बनी सड़कों का जायजा लिया था। जायजा लेने के बाद रॉकी मित्तल ने कहा था कि सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई है। जो सड़कें पांच करोड़ 27 लाख रुपये से बनकर तैयार हुई थी, वे तीन महीने में ही कैसे टूट सकती हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 01:30 AM (IST)
रॉकी मित्तल के दौरे के बाद नप के एक्सईएन ने की हुडा में टूटी सड़कों की जांच
रॉकी मित्तल के दौरे के बाद नप के एक्सईएन ने की हुडा में टूटी सड़कों की जांच

जागरण संवाददाता, कैथल : एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने शुक्रवार को हुडा सेक्टर 20 में लोगों की शिकायतों के बाद दौरा कर नई बनी सड़कों का जायजा लिया था। जायजा लेने के बाद रॉकी मित्तल ने कहा था कि सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई है। जो सड़कें पांच करोड़ 27 लाख रुपये से बनकर तैयार हुई थी, वे तीन महीने में ही कैसे टूट सकती हैं। कुछ सड़कों की हालत तो ये है कि बजरी को हाथों से इकट्ठा किया जा कसता है। रॉकी मित्तल ने दौरे के बाद पूरे मामले से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन को भी अवगत कराने की बात कही थी। दो दिन की छुट्टी के बाद नगर परिषद के एक्सइएन अक्षय कुमार ने हुडा में सड़कों का दौरा कर जांच की। हालांकि एक्सइएन का कहना है कि उन्होंने समाचार पत्रों में खबरें पढ़ने के बाद दौरा किया था और कोई बड़ी खामी नहीं मिली है। घरों के बाहर सड़कों तक बने रैंप के कारण रोड रोलर नहीं चल पाया जिस वजह से सड़क उखड़ गई है और दूसरी बड़ी समस्या घरों के बाहर गाड़ियां धोने से पनपी है। रोजाना गाड़ियां धोने से सड़कों में गड्ढे बन रहे हैं। जहां खामियां मिली हैं वहां संबंधित एमई के आते ही सभी सड़कों की मरम्मत करवाने का कार्य किया जाएगा।

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लोगों की समस्या का समाधान कराकर ही दम लूंगा : रॉकी मित्तल

- रॉकी मित्तल का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन को मामले से अवगत करवाया था। जिसके बाद नगर परिषद के ईओ ने फोन पर उन्हें जानकारी दी कि सड़कों की जांच के लिए टीम भेज दी गई है। उनकी किसी ठेकेदार या अधिकारी से कोई रंजिश नहीं है, लेकिन सड़कों की हालत दयनीय है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़कें तीन महीने नहीं चल पाई कहीं तो गड़बड़ी है। उनका यही कहना है कि सड़कों को दोबारा बना दिया जाए, ताकि लोगों को परेशानी न हो।


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