नई मंडी के बाद अब पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन भी हुई दो फाड़
शहर की नई अनाज मंडी के बाद सोमवार को पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन भी दो फाड़ हो गई है। दोनों ने अपनी अलग-अलग बैठक करते हुए प्रधान चुना है। एक ने आढ़ती तरसेम गर्ग व दूसरे गुट ने विनोद धनौरी को अपना प्रधान नियुक्त किया है। मंडी एसोसिएशन के 203 सदस्य हैं जो अब अलग-अलग होकर 117 व 86 में बंट गए हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शहर की नई अनाज मंडी के बाद सोमवार को पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन भी दो फाड़ हो गई है। दोनों ने अपनी अलग-अलग बैठक करते हुए प्रधान चुना है। एक ने आढ़ती तरसेम गर्ग व दूसरे गुट ने विनोद धनौरी को अपना प्रधान नियुक्त किया है। मंडी एसोसिएशन के 203 सदस्य हैं, जो अब अलग-अलग होकर 117 व 86 में बंट गए हैं। पहले जोगध्यान गोयल एसोसिएशन के प्रधान थे। कार्यकाल खत्म होने के बाद रखी गई बैठक में उन्होंने लेखा-जोखा रखते हुए आगामी प्रधान नियुक्त करने की बात कही। जैसे ही नए पद के लिए आढ़तियों के नाम सामने आने लगे तो कुछ आढ़तियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद बैठक का बहिष्कार करते हुए तरसेम गर्ग को प्रधान नियुक्त कर लिया। वहीं मंदिर में आयोजित हुई बैठक में आढ़तियों ने विनोद कुमार धनौरी को नया प्रधान नियुक्त किया है।
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पहली बार अलग हुई एसोसिएशन
शहर के बीचों-बीच स्थित यह मंडी करीब 110 साल पुरानी अनाज मंडी है। कैथल शहर में रेलवे स्टेशन बनने के कुछ माह बाद ही यहां मंडी भी काटी गई थी। गुड़ व कपास के व्यापारी यहां दूर-दराज से आते थे। उस समय हरियाणा तो क्या दूसरे राज्यों में भी आसपास कोई मंडी नहीं होती थी। मंडी में 45 साल पहले एसोसिएशन का गठन करते हुए प्रधान नियुक्त किया गया था। मंडी में करीब 96 दुकानें हैं, लेकिन उनमें से करीब 16 दुकानें ऐसी हैं, जिनमें आढ़त से संबंधित कार्य नहीं होता। ऐसी 80 दुकानें मंडी में हैं, जिनमें सीजन के दौरान अनाज का लेनदेन होता है। एसोसिएशन के दोफाड़ होने के बाद अब आढ़तियों में इस बात की चर्चा है कि कैसे सीजन के दौरान मंडी आढ़तियों को सुविधा मिलेगी। मंडी में सीजन के दौरान उठान को लेकर ज्यादा दिक्कत रहती है। उठान को लेकर रिश्वत तक देनी पड़ती है।
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इस कारण दो गुटों में बंटी एसोसिएशन :
एसोसिएशन के दो गुटों में बंटने का कारण आढ़तियों के बीच प्रधान पद के लिए सहमति नहीं होना रहा। एक एसोसिएशन के नव चयनित प्रधान विनोद कुमार धनौरी के गुट ने नए गुट पर मंडी के हितों से खिलवाड़ करने के आरोप जड़े, जबकि दूसरे गुट के प्रधान बने तरसेम गर्ग ने कहा कि दूसरी एसोसिएशन से जुड़े आढ़तियों की नई अनाज मंडी में भी दुकानें हैं। उन्हें पुरानी मंडी के कार्यों से कोई सरोकार नहीं है। वे ज्यादातर वहीं बैठते हैं।
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मंदिर में एसोसिएशन के कार्यालय पर जड़ा ताला :
मंडी में बने मंदिर में स्थित एसोसिएशन के कार्यालय पर तरसेम गुट ने ताला जड़ दिया। उन्होंने कहा कि वे दूसरे गुट को मंदिर में बने कार्यालय में नहीं आने देंगे। उन्हें अपना कार्यालय अलग बनाना होगा। वहीं विनोद गुट ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा कि कार्यालय तो उनका भी मंडी में ही रहेगा। भले ही इसके लिए उन्हें कानूनी सहारा क्यों न लेना पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे।
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निजी हितों को पूरा करने के लिए बना दूसरा गुट : धनौरी
नव चयनित प्रधान विनोद कुमार धनौरी व उनके समर्थकों ने कहा कि अब तक एसोसिएशन एक रही है, लेकिन अब कुछ लोगों ने अपने निजी हितों को पूरा करने के लिए एक से दो एसोसिएशन बना ली हैं। हालांकि अलग एसोसिएशन बनने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसका असर मंडी के आढ़तियों और वहां कार्य करने वाले लोगों पर पड़ेगा और कार्य प्रभावित होगा।
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पुरानी मंडी की बजाय नई में बैठते हैं दूसरे गुट के आढ़ती : गर्ग
प्रधान तरसेम गर्ग ने कहा कि पुरानी मंडी के आढ़ती ही यहां धरातल से जुड़कर काम कर रहे हैं। कुछ आढ़तियों ने उन लोगों को मंडी एसोसिएशन के पदाधिकारी बनाने की कोशिश की है, जिनकी नई अनाज मंडी में भी दुकानें हैं। ये आढ़ती पुरानी से ज्यादा नई मंडी में रहते हैं और वहीं के आढ़तियों की समस्याओं और मुद्दों को ज्यादा उठाते हैं। इस कारण उन्होंने अपनी अलग एसोसिएशन बनाई है।