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फानों में आग लगाई तो किसानों पर होगी कार्रवाई

डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कृषि अधिकारियों राजस्व विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। डीसी ने अधिकारियों को फानों में आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 06:32 AM (IST)
फानों में आग लगाई तो किसानों पर होगी कार्रवाई
फानों में आग लगाई तो किसानों पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कृषि अधिकारियों, राजस्व विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। डीसी ने अधिकारियों को फानों में आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीसी ने कहा कि पहले जो 503 किसान जो पहले ही चिन्हित किए जा चुके हैं पहले इन पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिला में कहीं भी फानों में आग लगने की घटना की सूचना मिलती है तो तुरंत मौके पर जाकर आवश्यक कार्रवाई की जाए।

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राजस्व विभाग ने रिपोर्ट बनाकर एसडीएम को दी जाए और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि फानों में आग लगाना भारतीय धारा 188 व प्रदूषण नियंत्रण एक्ट 1981 के अनुसार कृषि अवशेष जलाना दंडनीय अपराध है। यदि कोई किसान गेहूं के अवशेष यानि फाने जलाता पाया जाता है तो उसे दो एकड़ तक गेहूं के अवशेष जलाने पर 2500 रुपये तथा दो से पांच एकड़ तक गेहूं के फाने जलाने पर पांच हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक गेहूं के फाने जलाने पर 15 हजार रुपये आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है।

इसके अलावा डीसी ने किसानों को फाने नहीं जलाने के लिए प्रेरित करने और जागरूक करने के निर्देश भी दिए हैं। फानों में आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है और साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी कमजोर पड़ती हैं। यही नही फसलों के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं और कई बार अप्रिय घटना भी घट जाती है।

इस अवसर पर एसडीएम ईशा कंबोज, महेंद्र पाल, जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजबीर खुंडिया, तहसीलदार छोटू राम, गुहला तहसीलदार जगदीश चंद्र, दिनेश शर्मा मौजूद थे।

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कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि जिला में 503 किसान फाने जलाने के मामले में चिन्हित किए गए हैं। इनमें पूंडरी खंड के 175, कलायत खंड के 95, कैथल खंड के 65, राजौंद खंड के 56, गुहला खंड के 61 तथा सीवन खंड के 51 किसान शामिल हैं।


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