आढ़तियों से धान की खरीद में धोखाधड़ी के आरोपितों की नहीं हुई गिरफ्तारी
नई अनाज मंडी के 325 आढ़तियों की करीब 40 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नहीं करने पर सिटी थाना पुलिस ने एक नामी चावल निर्यातक के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, कैथल: नई अनाज मंडी के 325 आढ़तियों की करीब 40 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नहीं करने पर सिटी थाना पुलिस ने एक नामी चावल निर्यातक के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
रविवार को मंडी आढ़तियों की एक बैठक एसोसिएशन प्रधान कृष्ण मित्तल के प्रतिष्ठान पर हुई। आढ़तियों ने बताया कि 2017 से लेकर 2019 तक फर्म ने आढ़तियों से किसानों की धान की खरीद की थी, लेकिन इस राशि का भुगतान आज तक नहीं हुआ। कई बार फर्म मालिकों के यहां चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन आढ़तियों को पुलिस की शरण लेनी पड़ी।
पुलिस ने इस मामले में जींद रोड मॉडल टाउन निवासी फर्म मालिक अशोक कुमार, अरुण कुमार, सिद्धार्थ, सुरेंद्र कुमार व पूनम के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आढ़तियों ने मांग करते हुए कहा कि पुलिस जल्द से जल्द सभी आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए उनके पैसों की रिकवरी करे। आढ़तियों ने बैठक में फैसला लिया कि मंगलवार को मामले में कार्रवाई को लेकर एसपी शशांक कुमार सावन से मिलेंगे।
ये था मामला
नई अनाज मंडी में कुल 662 आढ़ती है। इनमें से 325 के करीब आढ़तियों ने फर्म को 2017 से 2019 तक धान बेची थी। करीब 35 से 40 करोड़ रुपये की राशि आढ़तियों की बनती है। इस राशि का भुगतान फर्म ने नहीं किया। कई बार आढ़तियों की बैठक हुई है, लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं है। हर बार आढ़तियों को गुमराह किया गया।
मंडी आढ़ती जयभगवान शर्मा ने तो फर्म मालिक के निवास के बाहर कई दिनों तक परिवार सहित धरना दिया था। जयभगवान ने बताया कि उसने करीब 20 लाख रुपये की धान फर्म मालिकों को दी थी, लेकिन एक भी पैसा आज तक भुगतान नहीं हो पाया है। राशि का भुगतान नहीं होने के कारण उसका धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है। इसके बाद आढ़तियों ने फैसला करते हुए पुलिस को शिकायत दी। पांच दिन पहले पुलिस ने इस मामले में फर्म मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आढ़तियों के अलावा इस फर्म की तरफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का भी करोड़ों रुपये बकाया है। दिए गए लोन की राशि का भुगतान न होने पर बैंक ने कुछ माह पहले राइस मिल को सील कर दिया था।