80 प्रतिशत सरकारी इमारतों में नहीं अग्निशमण यंत्र
जागरण संवाददाता, कैथल : जिले के ज्यादातर सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में आग जैसी घटना से निपटने
जागरण संवाददाता, कैथल : जिले के ज्यादातर सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में आग जैसी घटना से निपटने के लिए निर्धारित किए गए सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। इन कार्यालयों की करीब 80 प्रतिशत इमारतें आग से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। इसका कारण है संस्थानों में पूरे अग्निशमन यंत्रों का उपलब्ध न होना।
अगर इन कार्यालयों में किसी कारणवश आग लग जाती है तो बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। सुरक्षा नियमों के अनुसार सभी सार्वजनिक संस्थानों एवं निजी भवनों में भी अग्निशमन यंत्रों का होना जरूरी है। इसके लिए अग्निशमन विभाग की ओर से कड़े नियम बनाए गए है, लेकिन संस्थानों के संचालक इन नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। इस ओर प्रशासन की ओर से भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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ज्यादातर ने नहीं ली फायर एनओसी
शहर के बनी सरकारी इमारतों और गैर सरकारी संस्थानों में फायर सिलेंडर या आग बुझाने के लिए रेत से भरी बाल्टियां तो टांग दी गई हैं, लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने के लिए कोई भी प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं लगा है। सरकारी संस्थानों में से ज्यादातर ने आज तक फायर एनओसी नहीं ली है। अग्निशमन विभाग उस वक्त सुरक्षा के पूरे उपकरण उपलब्ध करवाता है, जब किसी विभाग की ओर से उसकी इमारत के लिए फायर एनओसी ली जाती है। इसके बाद ही वहां कर्मचारियों को उसके इस्तेमाल से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है। कई संस्थान तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक वहां रखे फायर सिलेंडर भी रिफिल नहीं करवाया। ऐसे में वे केवल नाम के लिए अग्निशमन यंत्र लगाकर बैठे हैं। निजी होटलों, अस्पतालों, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी ज्यादातर के पास एनओसी नहीं है।
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विभागों के पास बजट नहीं :
अग्निशमन विभाग की ओर से इसके बारे में सभी विभागों को अवगत करवाया गया है। सरकार की ओर से भी इसके निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन विभागों की ओर से इनके लिए बजट न होने का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि इन सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता के लिए ज्यादा राशि की जरूरत भी नहीं है, फिर भी आमजन की सुरक्षा की दिशा में इस तरफ कदम नहीं उठाया जा रहा।
वर्जन :
अग्निशमन विभाग की ओर से सभी सरकारी व निजी संस्थानों को इसके संबंध में सूचना दी गई है। काफी समय बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी विभाग ने इसके लिए अप्लाई नहीं किया है। कुछेक निजी स्कूलों के आवेदन आए हैं, उन्हें एनओसी दी गई है।
- रामकरण शर्मा, उप दमकल केंद्र अधिकारी।