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कैथल ब्लॉक में दूसरी से बारहवीं कक्षा तक 134ए की 2250 सीटें

खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 134ए की खाली सीटों की जानकारी चस्पा कर दी गई है। कैथल ब्लॉक में दूसरी से बारहवीं कक्षा तक 2250 सीटें खाली हैं। सबसे ज्यादा सीटें दूसरी कक्षा में 412 हैं और बारहवीं में सबसे कम 126 सीट हैं। हालांकि दाखिले के लिए आवेदन 28 मार्च से ही शुरु हो गए थे लेकिन विभाग ने जानकारी चस्पा करने में कई दिन लगा दिए। जानकारी देर से चस्पा किए जाने का कारण पहले निजी स्कूलों द्वारा समय पर जानकारी नहीं दिया जाना है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 06:50 AM (IST)
कैथल ब्लॉक में दूसरी से बारहवीं कक्षा तक 134ए की 2250 सीटें
कैथल ब्लॉक में दूसरी से बारहवीं कक्षा तक 134ए की 2250 सीटें

जागरण संवाददाता, कैथल : खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 134ए की खाली सीटों की जानकारी चस्पा कर दी गई है। कैथल ब्लॉक में दूसरी से बारहवीं कक्षा तक 2250 सीटें खाली हैं। सबसे ज्यादा सीटें दूसरी कक्षा में 412 हैं और बारहवीं में सबसे कम 126 सीट हैं। हालांकि दाखिले के लिए आवेदन 28 मार्च से ही शुरु हो गए थे, लेकिन विभाग ने जानकारी चस्पा करने में कई दिन लगा दिए। जानकारी देर से चस्पा किए जाने का कारण पहले निजी स्कूलों द्वारा समय पर जानकारी नहीं दिया जाना है। विभाग की तरफ से अधिकारियों पर दबाव डाले जाने के बाद स्कूलों ने जानकारी देना शुरु किया। उसके बाद विभाग को कुछ स्कूलों की सीटों पर संदेह हुआ तो सीटों की जानकारी का एमआइएस पोर्टल पर मिलान किया गया। किस कक्षा में कितनी सीटें खाली

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कक्षा सीटें

दूसरी 412

तीसरी 257

चौथी 226

पांचवीं 196

छठी 204

सातवीं 195

आठवीं 186

नौवीं 134

दसवीं 175

ग्यारहवीं 139

बारहवीं 126 करीब दो हजार अभिभावक कर चुके हैं आवेदन

- ऐसा अनुमान है कि करीब दो हजार अभिभावक आवेदन कर चुके हैं, लेकिन इस बार आवेदन आनलाइन होने से स्थानीय कार्यालय में रिकार्ड नहीं है। ना ही अब तक जिला स्तर पर कोई लॉग इन आइडी दी गई है जिससे पता चल सके कि कितने आवेदन हुए हैं। स्कूल चुनने में होती अभिभावकों को आसानी

- सीटों की जानकारी नहीं होने से आवेदन कर चुके अभिभावक पहले ही स्कूलों का विकल्प भर चुके हैं। अगर जानकारी पहले चस्पा कर दी जाती तो अभिभावकों को स्कूल चुनने में आसानी होती। अब आनलाइन काउंसिलिग होने से अभिभावक सीटें नहीं होने की स्थिति में पसंदीदा स्कूलों से वंचित रह सकते हैं। जबकि पूर्व में काउंसलिग कार्यालय में होने पर मेरिट के आधार पर मौके पर ही सीटें खाली होने पर स्कूलों के विकल्प बोर्ड पर लिख दिए जाते थे।


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