सिटी स्क्वेयर मामले में नगर परिषद ने कंपनी से वापस लिए 1.30 करोड़
नगर परिषद में आपात हाउस की नगर परिषद में आपात हाउस की मी¨टग से पहले ही नगर परिषद अधिकारियों ने सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी से एक करोड़ 30 लाख रुपये की पेमेंट वापस ले ली है। इस बात का खुलासा शुक्रवार को होने वाली हाउस की मी¨टग में भी किया जाएगा। पार्षद ने दो महीने पहले ही इस मामले में शिकायत दी थी कि नप अधिकारियों ने कंपनी को पाइल्स टे¨स्टग की गलत पेमेंट की थी। कुछ दिन पहले ही 15 पार्षदों ने इस मामले को लेकर हाउस की आपात मी¨टग बुलाने के लिए पत्र लिखा था
सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद में आपात हाउस की मी¨टग से पहले ही नगर परिषद अधिकारियों ने सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी से एक करोड़ 30 लाख रुपये की पेमेंट वापस ले ली है। इस बात का खुलासा शुक्रवार को होने वाली हाउस की मी¨टग में भी किया जाएगा। पार्षद ने दो महीने पहले ही इस मामले में शिकायत दी थी कि नप अधिकारियों ने कंपनी को पाइल्स टे¨स्टग की गलत पेमेंट की थी। कुछ दिन पहले ही 15 पार्षदों ने इस मामले को लेकर हाउस की आपात मी¨टग बुलाने के लिए पत्र लिखा था। पत्र के बाद 16 जनवरी की मी¨टग बुलाई गई, लेकिन विरोध के बाद उसे भी 11 जनवरी कर दिया गया।
पार्षद का आरोप था कि एग्रीमेंट के अनुसार पाइल्स टे¨स्टग का एक करोड़ 30 रुपये का वहन सिटी स्क्वेयर का निर्माण करने वाली कंपनी को ही करना था। ऐसा नहीं किया गया और नगर परिषद की ओर से 21 अक्टूबर को यह पेमेंट कर दी गई। अब यह पेमेंट हाउस की मी¨टग से पहले ही कंपनी से वापस ले ली गई है। कंपनी की ओर से 25 दिसंबर को चार करोड़ रुपये का बिल जमा करवाया गया था। अब उस बिल से एक करोड़ 90 लाख रुपये तो दे दिए गए, लेकिन दो करोड़ दस लाख रुपये रोक लिए गए हैं। रोके हुए रुपयों से ही यह पेमेंट काटी गई है। बता दें कि 38 करोड़ रुपये की लागत से शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य हो रहा है।
बॉक्स : कार्रवाई की मांग की जाएगी
शिकायतकर्ता पार्षद राकेश सरदाना ने बताया कि पेमेंट वापस लेने का मतलब है कि नप अधिकारियों ने गलत पेमेंट की थी। मी¨टग में इस बात को लेकर हंगामा किया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी। वे अपनी जगह ठीक थे तभी पेमेंट वापस ली गई है।
बॉक्स : नप को दिया था बिल
निर्माण कार्य करने वाली कंपनी के मालिक शशांक गर्ग ने बताया कि उन्होंने 25 दिसंबर को चार करोड़ रुपये का बिल नगर परिषद को दिया था। एक करोड़ 90 लाख रुपये तो दे दिए गए, लेकिन दो करोड़ दस लाख रुपये रोके हुए हैं। उन्हें अभी जानकारी नहीं है कि पैसे क्यों रोके गए हैं। इसके लिए उन्होंने नप अधिकारियों से जानकारी मांगी है।
बॉक्स : मामले में जांच की गई
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मामले में जांच की गई है। पेमेंट गलत दी गई थी, जो अब वापस ले ली गई है। कंपनी से एक करोड़ 30 लाख रुपये ले लिए गए हैं। आज होने वाली हाउस की मी¨टग में भी यह जानकारी सभी को बता दी जाएगी।