तापमान बढ़ने के साथ ही उल्टी व दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ी
तेज धूप के साथ लू के थपेड़ों की वजह से अस्पताल में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में एकाएक वृद्धि हो गई। बच्चों से लेकर बुजुर्ग रोगग्रस्त हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : तेज धूप के साथ लू के थपेड़ों की वजह से अस्पताल में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में एकाएक वृद्धि हो गई। बच्चों से लेकर बुजुर्ग रोगग्रस्त हैं। तापमान बढ़ने से पहले अस्पताल में प्रतिदिन 500 से 600 तक की ओपीडी होती है। गर्मी बढ़ने पर ओपीडी 1200 के करीब पहुंच गई है। वीरवार को नागरिक अस्पताल में 1170 ओपीडी हुई। अस्पताल पहुंचने वाले ज्यादातर वह मरीज होते हैं जो दिनभर बाहर रहते हैं। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की संभावना है। वीरवार को जिले का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि शुक्रवार और शनिवार को भी तापमान लगभग 39 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
मरीज को लापरवाही पड़ सकती है भारी
गर्मियों में जरा-सी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ जाती है। व्यक्ति बीमार पड़कर सीधे अस्पताल पहुंच जाता है। गर्मी में पेट की बीमारियां सबसे अधिक होती हैं, जिसका मुख्य कारण दूषित खानपान होता है। डिहाइड्रेशन के मरीज इस मौसम में सबसे अधिक सामने आते हैं। निजी अस्पतालों में भी डायरिया व दस्त के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी गर्मी और बढ़ेगी। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान का कहना है कि गर्मी में शरीर को पानी की अधिक जरूरत होती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इस दौरान यह ध्यान रहे की पानी साफ हो। इस मौसम में बैक्टीरिया तेजी से फैलता है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण का कारण बन सकती है। सड़क के किनारे रेहड़ियों पर खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि खुले में रखे होने के कारण इनसे संक्रमण व फूड प्वाइजनिग होने का खतरा ज्यादा रहता है।
खानपान का रखें ध्यान
- भीषण गर्मी में प्रतिदिन चार से छह लीटर पानी पीएं।
- शिकंजी, जलजीरा, नींबू पानी, जूस, दही
- ताजे फलों का सेवन करें।
- हल्का व सादा खाना खाएं। खाने के साथ सलाद अवश्य लें।
- हल्के एवं सूती कपड़े पहनें। पूरी बाजू की कमीज पहनें।
- धूप में न निकलें।