सभी सीटों पर यात्री बैठाने की अनुमति मिली तो 7 लाख से ज्यादा पहुंची जींद डिपो की आमदनी
परिवहन विभाग द्वारा रोडवेज बसों में 30 की बजाय क्षमतानुसार यात्री बैठाने की इजाजत देने के बाद जहां यात्रियों को फायदा हुआ है तो वहीं जींद डिपो की आमदनी भी बढ़ी है।
जागरण संवाददाता, जींद : परिवहन विभाग द्वारा रोडवेज बसों में 30 की बजाय क्षमतानुसार यात्री बैठाने की इजाजत देने के बाद जहां यात्रियों को फायदा हुआ है तो वहीं जींद डिपो की आमदनी भी बढ़ी है। पहले जहां डिपो की आमदनी 3 से 4 लाख थी, वह अब बढ़कर 7 लाख से ज्यादा जा पहुंची है। पहले से ज्यादा किलोमीटर बसें चल रही हैं।
लॉकडाउन के बाद जब बसें चलनी शुरू हुई तो शारीरिक दूरी के नियम को ध्यान में रखते हुए बस में अधिकतम 30 यात्रियों को बैठाने की अनुमति थी। धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ी तो बसों की संख्या बढ़ाई गई। अब पिछले सप्ताह परिवहन विभाग ने पत्र जारी करते हुए बस में क्षमतानुसार यात्री बैठाने की इजाजत दे दी, जिसके बाद बसों में सभी 52 सीटों पर यात्री बैठाने लगे। इससे यात्रियों को भी बेहतर रोडवेज बस सर्विस मिली तो वहीं जींद डिपो की भी आय बढ़ी। बसों की संख्या भी बढ़ी।
सात लाख के पार पहुंची जींद डिपो की आमदनी
अधिकतम 30 यात्रियों को बसों में बैठाने की अनुमति के समय जींद डिपो की करीब 90 बसें विभिन्न रूटों पर चलती थी और इससे डिपो को करीब 4 लाख रुपये आमदनी होती थी। अब क्षमतानुसार यात्री बसों में बैठाने की इजाजत के बाद डिपो की आय 7 लाख रुपये पर पहुंच गई है। अब जींद डिपो की 100 बसें रोजाना 22 हजार से ज्यादा किलोमीटर का सफर तय कर रही हैं। 31 रुपये प्रति किलोमीटर की एवरेज बसें दे रही हैं, जो पहले 26 रुपये प्रति किलोमीटर पर थी।
ऑनलाइन से ज्यादा हो रही ऑफलाइन टिकट बुक
शुरूआत में बसों में सफर के लिए केवल ऑनलाइन ही टिकट बुक होती थी लेकिन अब ऑफलाइन यानि काउंटर से ही टिकटें ज्यादा ली जा रही हैं। एक दिन में औसतन 40 यात्री ऑनलाइन टिकट बुक करवा रहे हैं तो 13 हजार यात्री काउंटर से टिकट लेकर यात्रा कर रहे हैं।
यात्रियों को बेहतर बस सर्विस देने का प्रयास : जीएम
जींद डिपो के जीएम बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि यात्रियों को बेहतर बस सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। क्षमता के अनुसार ही बस में यात्री बैठाए जा रहे हैं। थर्मल स्कैनिंग की जा रही और प्रयास किया जा रहा है कि शारीरिक दूरी का पालन हो।