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अपनी इज्जत से खिलवाड़ हो तो हत्या गलत नहीं : वत्स

जागरण संवाददाता, जींद : जिस प्रकार से सीमा पर तैनात जवान नौकरी के बदले मिलने वाले वेतन के लि

By Edited By: Published: Fri, 12 Aug 2016 03:09 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2016 03:09 AM (IST)
अपनी इज्जत से खिलवाड़ हो तो हत्या गलत नहीं : वत्स

जागरण संवाददाता, जींद : जिस प्रकार से सीमा पर तैनात जवान नौकरी के बदले मिलने वाले वेतन के लिए नहीं बल्कि अपने देश की रक्षा व सम्मान के हंसते हुए अपनी कुर्बानी देता है, उसी प्रकार से सामाजिक ताने-बाने व इज्जत के लिए खाप पंचायतें किसी की हत्या से मुंह नहीं मोड़ सकती। बेटियों की कमी के कारण दूसरे प्रदेशों से बहू लाने के बाद प्रदेश में अंतरजातीय विवाह कोई मुद्दा नहीं रह गया है तथा खाप पंचायतें भी इससे सहमत होने लगी हैं। लेकिन एक गौत्र, गांव व गवांड़ में शादी को स्वीकार नहीं किया जा सकता, फिर चाहे वह किसी भी जाति या धर्म में क्यों न हो। इसका जितना सामाजिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। एक जाति, गांव व गवांड़ में शादी कर इज्जत से खिलवाड़ करने वालों की हत्या गलत नहीं हो सकती। फिर चाहे इसे ऑनर कि¨लग कहा जाए या कुछ और, क्योंकि मनुष्य के लिए उसकी इज्जत से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। बृहस्पतिवार को कंडेला खाप के चबूतरे पर डीसी विनय ¨सह व एसपी शशांक आनंद की मौजूदगी में सेवानिवृत्त जरनल एवं एचपीएससी के पूर्व चेयरमैन डीपी वत्स ने यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि खाप जमीन से जुड़ी होती है। आजादी से पहले व बाद में इन्होंने अपने सामाजिक दायित्व बखूबी निभाया है। कंडेला खाप ने पौधरोपण अभियान शुरू कर पर्यावरण बचाने व जल संरक्षण का संदेश देकर एक अच्छी पहल की है, परंतु यह केवल औपचारिकता बनकर नहीं रहना चाहिए। खापों ने जिस प्रकार से पूरी सिद्दत के साथ अब तक सामाजिक बुराईयों जैसे भ्रूणहत्या रोकने, दहेज प्रथा, बाल विवाह के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है, अब भ्रष्टाचार व जातिवाद के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए हथियार उठाने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-सिस्टम लागू कर इस पर अंकुश लगाने के प्रयास तो किए हैं, परंतु सरकारी बाबू व अधिकारी अब भी इससे पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाए हैं। राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान करने के लिए सामाजिक समस्याओं का समाधान जरूरी है तथा जातिवाद व भ्रष्टाचार सबसे बड़ी सामाजिक समस्या बनी हुई हैं। दूसरों को प्रेरित करने के लिए हमें खुद एक मिसाल पेश करनी होगी। जाट आंदोलन में प्रदेश को जलने से बचाकर खापों ने अपनी उपयोगिता को साबित किया है।


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