Move to Jagran APP

मौसम ने बिगाड़ा खेल, पिछले साल से 10 गुना कम मंडियों में पहुंचा गेहूं

मौसम के खलल डालने से इस बार गेहूं का सीजन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। तीन दिन हुई बूंदाबांदी से गेहूं की कटाई रुक गई है और अनाज मंडी में पड़े गेहूं में नमी ज्यादा होने से खरीद नहीं हो पाई। पिछले साल की बात करें तो 17 अप्रैल तक 450937 टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि इस साल 17 अप्रैल तक केवल 47532 टन गेहूं की ही खरीद हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 09:22 AM (IST)
मौसम ने बिगाड़ा खेल, पिछले साल से 10 गुना कम मंडियों में पहुंचा गेहूं
मौसम ने बिगाड़ा खेल, पिछले साल से 10 गुना कम मंडियों में पहुंचा गेहूं

जागरण संवाददाता, जींद : मौसम के खलल डालने से इस बार गेहूं का सीजन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। तीन दिन हुई बूंदाबांदी से गेहूं की कटाई रुक गई है और अनाज मंडी में पड़े गेहूं में नमी ज्यादा होने से खरीद नहीं हो पाई। पिछले साल की बात करें, तो 17 अप्रैल तक 450937 टन गेहूं की खरीद हुई थी, जबकि इस साल 17 अप्रैल तक केवल 47532 टन गेहूं की ही खरीद हुई है। पिछले साल 755397 टन गेहूं की मंडियों में आवक हुई थी। उसके हिसाब से पिछले साल 17 अप्रैल तक सीजन की 60 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की आवक हो चुकी थी, जबकि इस बार केवल छह प्रतिशत ही आवक हुई है। प्रदेशभर में हुई बारिश और ओलावृष्टि से बृहस्पतिवार को भी मौसम ठंडा रहा। अधिकतम तापमान 29 और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहा, जबकि पिछले सप्ताह अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया था। मौसम ठंडा होने से शुक्रवार को भी कंबाइन से कटाई का काम भी काफी धीमा रहा, जिससे मंडियों में बहुत कम गेहूं पहुंचा। वहीं गांव में बनाए गए ज्यादातर केंद्रों पर खरीद शुरू नहीं हुई है और बारदाना भी नहीं पहुंचा है।

loksabha election banner

शामलो कलां खरीद केंद्र पर गेहूं आ चुका है, लेकिन बारदाना नहीं पहुंचने से खरीद शुरू नहीं हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिन तक मौसम ठीक रहने की उम्मीद है, जिससे कटाई के काम में तेजी आ सकती है।

-----------------

बंपर पैदावार की संभावना

पूरे रबी सीजन में नियमित अंतराल पर बारिश होती रही और मार्च के अंत तक ठंड बनी रही। इससे गेहूं भी करीब एक सप्ताह देरी से पक कर तैयार हुई। मौसम अनुकूल रहने के कारण किसान इस बार बंपर पैदावार होने की उम्मीद लगाए हुए हैं। जिले में 2.17 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ तीन से चार मन ज्यादा उत्पादन हो रहा है। पिछले साल जहां 50 से 55 मन तक प्रति एकड़ उत्पादन हुआ। इस बार 55 से 60 मन तक प्रति एकड़ गेहूं निकल रही है।

---------------------

किस साल कितनी हुई आवक

--2013 5 लाख 90 हजार एमटी

--2014 5 लाख 98 हजार एमटी

--2015 6 लाख 2 हजार 467 एमटी

--2016 6 लाख 23 हजार 230 एमटी

--2017 6 लाख 92 हजार एमटी

--2018 7 लाख 55 हजार 397 एमटी

-----------------

टूटी डिस्ट्रीब्यूटरी, फसलों में भरा पानी

फोटो 42 : कुचराना कलां व खुर्द गांव में पानी में डूबी फसल को दिखाता किसान।

संवाद सहयोगी, अलेवा : गांव कुचराना कलां तथा खुर्द गांव के खेतों में सुबह राजौंद डिस्ट्रीब्यूटरी टूट जाने के चलते दर्जनों किसानों की खड़ी गेंहू की फसल में पानी भर गया। माइनर टूटने की सूचना मिलते ही सिचाई विभाग के जेई राकेश कुमार अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे तथा जेसीबी की सहायता से करीब चार घंटे में माइनर को बंद किया। किसान सोहनलाल, सुखदीप, पवन कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार को राजौंद डिस्ट्रीब्यूटरी ओवरफ्लो होकर टूट गई। जिसके चलते कुचराना कलां तथा खुर्द गांव के खेतों में खड़ी गेहू की फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने मामले को लेकर सूचना सिचाई विभाग के उच्च अधिकारियों को दी, लेकिन कर्मचारियों द्वारा सूचना देने के काफी देर बाद पहुंचने के चलते दर्जनों की किसानों की फसल जलमग्न हो गई। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनके खेतों में पानी भरने से हुए नुकसान की भरपाई कर उचित मुआवजा दिलाया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.