किसान कॉलेज में विद्यार्थियों को वीवीपैट की दी जानकारी
छोटू राम किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रिसिपल डॉ. शमशेर सिंह मलिक ने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए वीवीपीएटी की नई तकनीक के इतिहास उपयोगिता और महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने छात्रों को समझाया कि एक अच्छे नागरिक होने के नाते आपने आम जनता और प्रत्येक मतदाता को वोट की अतुल्यनीय कीमत की उपयोगिता और महत्व के लिए जागरूक करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, जींद : छोटू राम किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रिसिपल डॉ. शमशेर सिंह मलिक ने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए वीवीपीएटी की नई तकनीक के इतिहास, उपयोगिता और महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने छात्रों को समझाया कि एक अच्छे नागरिक होने के नाते आपने आम जनता और प्रत्येक मतदाता को वोट की अतुल्यनीय कीमत की उपयोगिता और महत्व के लिए जागरूक करना चाहिए। शहर व गांव के सभी मतदाताओं को लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदान और वीवीपीएटी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानि वीवीपैट (वीवीपीएट) व्यवस्था के तहत वोट डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची बनती है। इस पर्ची पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके। ईवीएम में लगे शीशे के एक स्क्रीन पर यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है।
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