गैलेंट्री अवार्डी सैनिक का ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों से किया स्वागत
गैलेंट्री अवार्ड के लिए चयनित होने वाले लजवाना खुर्द के सैनिक सोनू अहलावत का ग्रामीणों ने जुलाना पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया।
संवाद सूत्र, जुलाना : गैलेंट्री अवार्ड के लिए चयनित होने वाले लजवाना खुर्द के सैनिक सोनू अहलावत का ग्रामीणों ने जुलाना पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया। सोनू को जुलाना से गांव तक ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकालते हुए ले जाया गया। गांव से दर्जनों ट्रैक्टर 12 बजे से ही जुलाना पहुंचने शुरू हो गए, लेकिन सैनिक सोनू अहलावत तीन बजे जुलाना पहुंचे। जुलाना पहुंचने पर सैनिक का सामाजिक संगठनों और गणमान्य लोगों ने फूलमालाएं डालकर स्वागत किया। घर पहुंचने पर सोनू अहलावत की मां बीरमति ने उसे छाती से लगाया और कहा कि शेर जैसा है मेरा बेटा। उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। इतना कहकर वह भावूक हो गई। गांव लजवानां खुर्द निवासी सैनिक सोनू अहलावत को राष्ट्रपति द्वारा गैलेंट्री अवार्ड से जल्द ही सम्मानित किया जाएगा। एक किसान परिवार में जन्मे सोनू अहलावत का बचपन से ही सपना था कि वो सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन करे। सोनू के पिता एक किसान हैं और माता गृहिणी है। सोनू का चयन सीआरपीएफ में 21 मार्च 2012 को हुआ था। सोनू की पहली पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के नक्सल एरिया में हुआ था। सोनू ने बताया कि पांच अगस्त 2017 को उसकी पोस्टिंग श्रीनगर में हो गई। 26 जनवरी 2019 को श्रीनगर के खुनमू में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आतंकवादियों ने लगातार लड़ता रहा। इस ऑपरेशन में उन्होंने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। ऑपरेशन पूरा होने के बाद सोनू ने अपनी चोटों के बारे में साथियों को बताया। सैनिकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां पर सोनू के पैर से गोली निकली और जबड़े का जटिल ऑपरेशन हुआ। सोनू ने बताया कि उन्होंने अब तक 22 ऑपरेशनों में भाग लिया है और 58 आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं। उनकी वेली क्वाट ऑपरेशन टीम पूरी दुनिया में मशहूर है, जो ऑपरेशन पर जाने के बाद कामयाब होकर ही लौटती है। सोनू दो ऑपरेशन में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। सोनू की सेना में आठ साल 11 महीने की सर्विस हो चुकी है। सोनू ने कहा कि मौत तो निश्चित है, लेकिन जब तक शरीर में जान है तब तक देश के लिए कुछ करने की हिम्मत रखनी चाहिए।