11 गांवों के लोगों ने मुख्यमंत्री का पुतला पुतला जलाया
धरौदी में 32 दिन से धरने पर बैठे 11 गांवों के ग्रामीणों ने रविवार को मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। ग्रामीणों ने कहा कि 11 गांवों के लोग अपने बीवी-बच्चों के साथ धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जुड़वाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
संवाद सूत्र, नरवाना : धरौदी में 32 दिन से धरने पर बैठे 11 गांवों के ग्रामीणों ने रविवार को मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। ग्रामीणों ने कहा कि 11 गांवों के लोग अपने बीवी-बच्चों के साथ धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जुड़वाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। ग्रामीणों ने कहा कि जब जींद को भाखड़ा नहर से पानी मिल सकता है, तो उनके गांवों में पानी क्यों नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीणों की परीक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन वह भी किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। सरकार 24 जुलाई तक धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जोड़ने का फैसला नहीं लिया तो 11 गांव के लोग कोई भी सख्त फैसला लेंगे। महिलाओं ने कहा कि उनके पति, बेटे पीने के पानी से कैंसर के मरीज बन रहे हैं लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
कांग्रेस नेत्री विद्या रानी ने दिया समर्थन
धरौदी माइनर संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे धरने को बिनैण, नरवाना, उझाना और धतरवाल खाप का समर्थन हासिल हो चुका है। रविवार को कांग्रेस नेत्री विद्यारानी दनौदा ने भी धरना स्थल पहुंचकर सरकार को जमकर कोसा। विद्यारानी ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि ग्रामीणों को साफ पीने का पानी मिल सके और खेतों में फसल अच्छी लहरा सके। उन्होंने कहा कि वे जहां भी जरूरत होगी, चलने के लिए तैयार हैं।