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वेटरिनरी सर्जन के रिश्वत मामले की जांच शुरू

संवाद सूत्र, नरवाना : गांव अमरगढ़ के पशु अस्पताल में कार्यरत वेटरिनरी सर्जन द्वारा भैंस का हे

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:08 PM (IST)
वेटरिनरी सर्जन के रिश्वत मामले की जांच शुरू
वेटरिनरी सर्जन के रिश्वत मामले की जांच शुरू

संवाद सूत्र, नरवाना : गांव अमरगढ़ के पशु अस्पताल में कार्यरत वेटरिनरी सर्जन द्वारा भैंस का हेल्थ सेर्टिफिकेट देने की एवज में 500 रुपये मांगने का मामला सामने आया था। जिसकी जांच को लेकर पशुपालन विभाग मुख्यालय के डिप्टी डायरेक्टर कम चीफ विजिलेंस अधिकारी सुखदेव राठी बुधवार 12 सितंबर को पशुपालन विभाग के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को अलग-अलग बुलाकर बयान लिए और उसके बाद आगामी कारवाई के लिए मुख्यालय पंचकूला रवाना हो गए।

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सीएम ¨वडो की रिपोर्ट में समझौता होने की बात कही

निगरानी कमेटी के सदस्य ने वेटेनरी सर्जन कुलदीप मित्तल के पक्ष में उच्च अधिकारियों को लिखकर भेज दिया था, जिसमें लिखा था कि दोनों पक्षों का आपसी समझौता हो गया है, इसलिए पशुपालन को लोन लेने के लिए फाइल तैयार करवाने को कह दिया गया है। जबकि पशुपालक कमलेश व वेटरिनरी सर्जन डॉ. कुलदीप मित्तल में कोई समझौता नहीं हुआ था। शिकायतकत्र्ता शमशेर ने आरोप लगाते हुए कहा कि वेटरिनरी सर्जन ने खुद ही लिख दिया कि जो पशुपालक कमलेश ने गांव अमरगढ़ में कार्यरत कुलदीप मित्तल के खिलाफ शिकायत की थी, उसने अब सही सर्टिफिकेट बनवा लिया है। इसके लिए उन्होंने कोई शुल्क नहीं लिया है। इसलिए उनको अंधेरे में रखा गया और पशुपालन विभाग का ही पक्ष लिया गया।

यह है मामला

गांव कर्मगढ़ निवासी एवं भैंस पालक कमलेश द्वारा वेटरिनरी सर्जन डॉ. कुलदीप मित्तल को 500 रुपये की रिश्वत नहीं दी, तो डॉक्टर ने रंजिशन सर्टिफिकेट में भैंस की कीमत 50 हजार को कंटिग कर 40 हजार रुपये लिख दिया, जबकि शब्दों में ऐसे ही रहने दिया। सर्टिफिकेट में क¨टग होने के बाद पशुपालक कमलेश को लोन की राशि नहीं मिल सकी। जबकि निगम द्वारा पांच हजार की सब्सिडी उसको जारी कर दी गई थी। महिला कमलेश ने इसकी शिकायत एसडीएम को कर दी थी, इसके बाद पशुपालन के एसडीओ एनडी गोयल को गांव कर्मगढ़ जांच करने के लिए भेज दिया था, लेकिन एसडीओ ने सही ढंग से जांच नहीं थी। इसके बाद जांच से असंतुष्ट होकर वेटरिनरी सर्जन के खिलाफ सीएम ¨वडो में शिकायत दे दी। लेकिन वहां भी कमलेश के पति शिकायतकर्ता शमशेर को निराशा हाथ लगी, क्योंकि निगरानी कमेटी के सदस्य ने शिकायतकत्र्ता का पक्ष न लिखते हुए केवल विभाग के पक्ष में लिख कर आगे रिपोर्ट भेज दी। सीएम ¨वडो में सही कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत भेजी गई। इसके बाद पशुपालन विभाग मुख्यालय के डिप्टी डायरेक्टर कम चीफ विजिलेंस अधिकारी सुखदेव राठी को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा। पशुपालन विभाग के मुख्यालय में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद वे मामले की जांच करने के लिए आए हैं। रिश्वत मांगने के मामले में दोनों पक्षों के बयान लिए जायेंगे।जांच में वेटरिनरी सर्जन डॉ. कुलदीप मित्तल दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जांच की रिपोर्ट 10 दिन के बाद आएगी।

सुखदेव राठी, डिप्टी डायरेक्टर कम चीफ विजिलेंस अधिकारी, पंचकूला


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