उचाना खुर्द आसन की स्वर्ण गिरि को सौंपी गई गद्दी
उचाना खुर्द गांव में 13 मणि साधु बचन गिरि के ब्रह्मलीन होने पर सोड़सी भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें जूना अखाड़ा बालक अखाड़ा आह्वान अखाड़ा सहित विभिन्न अखाड़ों से साधु पहुंचे। भंडारे से पहले स्वर्णगिरि को सभी साधुओं ग्रामीणों की सहमति से गद्दी सौंपी गई।
संवाद सूत्र, उचाना : उचाना खुर्द गांव में 13 मणी साधु बचन गिरि के ब्रह्मलीन होने पर सोड़सी भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें जूना अखाड़ा, बालक अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा सहित विभिन्न अखाड़ों से साधु पहुंचे। भंडारे से पहले स्वर्णगिरि को सभी साधुओं, ग्रामीणों की सहमति से गद्दी सौंपी गई। इसकी अध्यक्षता बालक डेरे के पृथ्वी गिरि ने की।
सुरेंद्र श्योकंद, सतबीर श्योकंद, वीरेंद्र, सतपाल, अनूप ने बताया कि एक अप्रैल को उचाना खुर्द आसन के महंत बचन गिरि ब्रह्मलीन हो गए थे। उनकी सोड़सी पर भंडारे का आयोजन किया गया। इसके साथ ही साधु समाज, ग्रामीणों की सहमति से आसन की गद्दी स्वर्ण गिरि को सौंपी गई। जिसमें विभिन्न राज्यों से साधु-संत पहुंचे थे। र्स्वण गिरि बीते बीस सालों से यहां रह कर सेवा करते आ रहे है। बचन गिरि के छोटे भाई राजकुमार कसार (झज्जर) ने बताया कि बचन गिरि चौथी कक्षा तक गांव में पढ़े। दस साल उम्र में घर छोड़ दिया था। बेरी जाकर आश्रम में रहने लगे थे। यहां से भगवा धारण किया था। इस मौके पर जून अखाड़ा के प्रेम गिरि, रमतापल, भले गिरि, सुरेशानंद, जूना अखाड़ा के मंत्री मोहन भारती, शिधेर्श्वर, बलराज गिरि, थानापति सोम गिरि महाराज मौजूद रहे।