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पौधों की दुनिया देखनी है तो अर्जुन स्टेडियम में आइए, 500 वैरायटी देख हैरान रह जाओगे

आपने पौधे तो बहुत देखे होंगे लेकिन एक साथ पांच सौ तरह के पौधों की इतनी बड़ी दुनिया नहीं देखी होगी। चार इंच का सेक्युलेंट गैसटीरिया पांच इंच का एस्ट्रोफीटम एस्टीरिया छह इंच का मैमीलेरिया आठ इंच एस्पोसटोआलनाटा एक फुट का पिलखन व चीड़ का पौधा। चाइनीज एरोकेरिया व साइकस पाम की दुर्लभ प्रजाति भी आपने नहीं देखी होगी। पौधों की यह दुनिया शनिवार को 22वें पुष्प उत्सव के तहत अर्जुन स्टेडियम के मल्टीपर्पज हॉल में सजी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 07:16 AM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 07:16 AM (IST)
पौधों की दुनिया देखनी है तो अर्जुन स्टेडियम में आइए, 500 वैरायटी देख हैरान रह जाओगे
पौधों की दुनिया देखनी है तो अर्जुन स्टेडियम में आइए, 500 वैरायटी देख हैरान रह जाओगे

जागरण संवाददाता, जींद : आपने पौधे तो बहुत देखे होंगे, लेकिन एक साथ पांच सौ तरह के पौधों की इतनी बड़ी दुनिया नहीं देखी होगी। चार इंच का सेक्युलेंट गैसटीरिया, पांच इंच का एस्ट्रोफीटम एस्टीरिया, छह इंच का मैमीलेरिया, आठ इंच एस्पोसटोआलनाटा, एक फुट का पिलखन व चीड़ का पौधा। चाइनीज, एरोकेरिया व साइकस पाम की दुर्लभ प्रजाति भी आपने नहीं देखी होगी। पौधों की यह दुनिया शनिवार को 22वें पुष्प उत्सव के तहत अर्जुन स्टेडियम के मल्टीपर्पज हॉल में सजी। आम आदमी रविवार को दोपहर बाद चार बजे तक पौधों की इस दुनिया को निहार सकते हैं।

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पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक कर रही 35 साल पुरानी जींद बागवानी संस्था की ओर से लगाए गए 22वें पुष्प उत्सव का उद्घाटन शनिवार दोपहर विधायक डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने किया। पुष्प उत्सव में जींद के 28 प्रतिभागियों ने अपने पौधों के साथ हिस्सा लिया। पुष्प उत्सव में कई तरह के कैक्टस एवं बोनसाई का प्रदर्शन किया गया है, जिनकी छटा देखते ही बनती है। कैक्टस, सक्युलेंटस, बोनसाई, सजावटी पौधे एवं मौसमी फूलों की प्रतियोगिताओं में कड़ा मुकाबला रहा। विजेताओं का चयन करने में चयनकर्ताओं को काफी देर तक मंथन करना पड़ा। पुष्प उत्सव देखने आईं शिक्षिका सुनीता मलिक कहती हैं कि इतनी तरह के पौधों को देखकर मन खुश हो गया। खासकर जांडी, पिलखन, चीड़, ओपरकारिया के एक से डेढ़ फुट के पौधे सबको आकर्षित कर रहे थे। असलियत में ये बड़े पौधे होते हैं, लेकिन बोनसाई तकनीक से इन्हें छोटा आकर बना दिया गया। बालमुकुंद भोला बताते हैं कि बोन्साई जापानी तकनीक है, जिसके द्वारा विकसित पौधों को लघु रूप में सुरक्षित किया जाता है। इसमें पौधों को अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाया जाता है और अनेक आकर्षक ढंग से सज्जित किया जाता है और अनेक वर्षो तक सहेज कर रखते हैं। समय से इनकी जड़ व ऊपर से काटकर बोनसाई का रूप देते हैं। यह तकनीक और तरह की होती है। इसके अलावा सिजनल फ्लावर्स की मनोहारी आकर्षक छटा भी माहौल को खुशनुमा और जिंदादिल बना रही थी। संस्था के सचिव डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि संस्था इस तरह के उत्सव का प्रयास हर साल करेगी। संस्था के प्रधान अजेश जैन और संरक्षक बाल मुकुंद भोला के पौधों को भी खूब पसंद किया गया। पुष्प उत्सव में अनिल भोला, आशीष भारद्वाज, जगदीश, प्रवीण सैनी, डॉ. परमिंद्र कौर, पूजा जैन, शकुंतला सैनी, कुमारी प्रिया, आनंद और रिदम ने प्रमुखता से सहयोग दिया। रविवार को दूसरे दिन रंगोली, मेहंदी, बेबी शो, डॉग-शो, फैंसी ड्रेस और चित्रकला प्रतियोगिता होगी।

यह रहे परिणाम

- कैक्टस में अजेश जैन, अनिल भोला, सुनिता भोला, बाल मुकुन्द भोला, गौरव सिगला और पूजा जैन ने पहले तीन में जगह बनाई।

- सक्युलेंट्स में कुमारी रिदम, अनिल भोला, चित्रेश भोला, रचना श्योराण ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

- बोनसाई में रचना श्योराण, बाल मुकुन्द भोला, चित्रेश व जगदीप जी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

- फ्लावर अरेंजमेंट में प्रथम स्थान बालाजी फ्लावर्स, द्वितीय स्थान डोरा फ्लावर्स, तृतीय स्थान कलकत्ता फ्लावर्स।

- इंडोर प्लांट में अशीष भारद्वाज, पूजा जैन और डॉ. परमिन्द्र कौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

- इंस्ट्रीट्यूशनल में राजमहल, इंडस इंस्टीट्यूट और ग्लोबल एकेडमी, सोनू वेद प्रकाश, श्री कृष्णा नर्सरी, दीन दयाल नर्सरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।


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