संस्कृति व सनातनी मूल्य बचाने के लिए युवाओं को दें गीता ज्ञान
जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन डीआरडीए के सभागार में पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता का मानव जीवन में महत्व विषय पर सेमिनार/संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, जींद : जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन डीआरडीए के सभागार में पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता का मानव जीवन में महत्व विषय पर सेमिनार/संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिला परिषद की चेयरपर्सन प्रवीण घणघस ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा एग्रीकल्चर इंडस्ट्री एग्रो के डायरेक्टर बलकार डाहौला ने की।
जिला परिषद की चेयरपर्सन प्रवीण घणघस ने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि गीता जीवन जीने की कला है। गीता ज्ञान का भंडार है। हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय व राज्य एवं जिला स्तर पर भी गीता जयंती महोत्सव मनाने का निर्णय लिया है। जीवन में कामयाबी हासिल करने के लिए मानव को नि:स्वार्थ भाव से काम करना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति को आत्मिक संतुष्टि मिलती है। भगवान योगेश्वर के मुख से निकली हुई वाणी श्रीमद्भगवद गीता को आप सब विद्वान लोगों के बीच बैठकर सुनने का अवसर मिला है, इसके लिए जिला प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने जनसमुदाय से प्रार्थना की कि हम सब अपनी संस्कृति और सनातनी मूल्यों के विचारों को बचाये रखने के लिए आने वाली पीढि़यों में भी संस्कार भरने का प्रयास करते रहे। उन्होंने बच्चों में अच्छे संस्कार भरने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को अच्छे संस्कार देने से हमारा प्रदेश व देश उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेगा। यह गीता के ज्ञान से ही सम्भव है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गीता को अवश्य पढ़ना चाहिए। उन्होंने शिक्षा व संस्कृति की महता पर विशेष रूप से बल दिया।
सदकर्म के लिए गीता ज्ञान जरूरी
हरियाणा एग्रीकल्चर इंडस्ट्री एग्रो के डायरेक्टर बलकार डाहौला ने कहा कि ज्ञान हर चीज का आधार होता है। कर्म योग ज्ञान का साकार रूप है। सदकर्म करने के लिए गीता ज्ञान को प्राप्त करना होगा। कर्म को बदलने के लिए ज्ञान को बदलना होता है, ज्ञान से ही कर्म बनता है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से आज गीता का ज्ञान घर- घर पंहुच रहा है। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का संदेश देने वाले प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि गीता नि:स्वार्थ भाव से कर्म करने का संदेश देती है। इस तरह की दूरगामी सोच रखने वाले लोग ही इतिहास रचते हैं।
गीता में दुनिया को सच्चाई का मार्ग दिखाने का मादा
पांडु-पिडारा गुरुकुल विद्यापीठ के संचालक राजेश स्वरूप शास्त्री ने गीता के संदेश के अनुसार कर्म करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता को दुनिया को सदमार्ग दिखाने का मादा है। गीता व्यक्ति को विकार मुक्त बनने की प्रेरणा देती है। समाज को विकार मुक्त करने के लिए हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गुरुकुल विद्यापीठ पांडु पिडारा की संस्कृत अध्यापिका कांता शर्मा ने भी भगवान श्री कृष्ण द्वारा उपदेशित गीता के सार का व्याख्यान किया। इस मौके पर श्री सत्यनारायण शास्त्री, रामचन्द्र शास्त्री, साहित्यकार डॉ. जगदीप राही, ओमप्रकाश चौहान, भगवानदास, देवीदयाल शास्त्री, वेद अलीपुरिया, वेद प्रकाश पांचाल ने भी गीता के सार का व्याख्यान किया।
गीता मंडप में डाली आहुति
जिला परिषद की चेयरपर्सन प्रवीण घणघस ने हर्बल पार्क के निकट गीता जयंती महोत्सव स्थल पर गीता अध्याय से सम्बन्धित प्रदर्शित किये हुए 18 श्लोकों, भीष्म शर-शैय्या, गीता मंडप, पांडु-पिडारा तीर्थ, यशोदा कुंज, सुदर्शन चक्र और गीता शंख व तीस फूट का धनुष, निधिवन (वृंदावन), संदीपनी ऋषि आश्रम, विदुर कुटी, बाल कृष्ण लीला आश्रम, स्काउटस, श्री कृष्ण राधा रासलीला दर्शन, वीआईपी गेस्ट आश्रम का अवलोकन किया। गीता मंडप में उन्होंने विधिवत मंत्रों व श्लोक उच्चारण के साथ यज्ञ हवन में पूर्ण आहुति डाली और विद्यापीठ गुरुकुल पांडु-पिडारा द्वारा बनाये गये गेस्ट हाऊस में मुख्य अतिथि जिला परिषद की चेयरपर्सन प्रवीण घणघस एवं नरेन्द्र घणघस ने भी जलपान भी ग्रहण किया। उन्होंने विभिन्न 28 विभागों एवं संस्थाओं द्वारा लगाई गई सरकार की विकासात्मक गतिविधियों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं से ओत-प्रोत प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने आयोजन स्थल पर लगाई गई स्टालों व अन्य गीता से सम्बन्धित प्वाईंटों की प्रशंसा की।
सांस्कृतिक संध्या का आगाज शंख ध्वनि के साथ
जागरण संवाददाता, जींद
दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में हास्य कलाकार महाबीर गुड्डू एंड पार्टी ने हरियाणवी समूह नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा। इसके माध्यम से गीता सार से सम्बन्धित, हरियाणवी संस्कृति एवं देशभक्ति का प्रेरणादायक जन संदेश दिया गया। इससे पूर्व शंख ध्वनि के साथ सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया गया। सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि स्वास्थ्य विभाग के उप सिविल सर्जन डॉ. राजेश भोला ने शिरकत की, जबकि अध्यक्षता जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने की। नगरपरिषद के पूर्व चेयरमैन विनोद आशरी एवं स्वच्छ भारत मिशन स्टेट टास्क फोर्स सदस्य वेदप्रकाश पांचाल तथा सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल जींद के डायरेक्टर शरद कुमार अत्री भी मौजूद थे।