कोरोना के यौद्धा : शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए सुबह सात बजे घर से निकल लेते हैं ये यौद्धा
कोरोना वायरस के चलते कार्यालय बंद हैं और लोग परिवार के साथ घरों के अंदर हैं। लेकिन सफाई कर्मचारी इस दौरान भी मैदान में डटे हैं। उनकी ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं आया है।
जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना वायरस के चलते कार्यालय बंद हैं और लोग परिवार के साथ घरों के अंदर हैं। लेकिन सफाई कर्मचारी इस दौरान भी मैदान में डटे हैं। उनकी ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं आया है। पहले की तरह प्रतिदिन सुबह अपने-अपने एरिया में सफाई के लिए निकल पड़ते हैं। ताकि गलियों में कूड़े के ढेर ना लगें और गंदगी की वजह से लोग बीमार ना हों। जींद नगर परिषद सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रधान नत्थूराम झांझ गेट एरिया के सुपरवाइजर हैं। उनकी 30 कर्मचारियों की टीम हैं। जिनमें कई महिलाएं भी हैं। सुबह सात बजे घर से निकलते हैं। गलियों में सफाई करने के साथ-साथ नालियों से गंदगी साफ करते हैं। महिला सफाई कर्मी कमला, बाला व सावित्री बताती हैं कि खुद के साथ-साथ परिवार व दूसरे लोगों की सेहत का भी ख्याल रखना होता है। इसके लिए आपस में फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखते हैं। 15 से 20 मिनट के अंतराल में बार-बार हाथों पर सैनिटाइजर डालते हैं। मुंह व नाक ढक कर रखते हैं। जींद शहर में करीब सवा सौ सफाई कर्मचारी नगर परिषद के अधीन हैं। जो इस महामारी के समय भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। कोरोना वायरस से जंग में अस्पताल में जहां डॉक्टर दिन-रात लगे हैं। वहीं सफाई कर्मचारी गली-गली में जाकर शहरवासियों को स्वच्छ वातावरण देने का काम कर रहे हैं।
परिवार के बचाव का भी रखते ख्याल
नत्थूराम ने बताया कि दिन में दोपहर को कुछ देर आराम करने का समय मिलता है। इस दौरान भी सभी कर्मचारियों के साबुन से अच्छे से हाथ साफ कराए जाते हैं। ताकि वे कोरोना वायरस के प्रभाव में ना आएं। ड्यूटी के बाद शाम को घर जाते हैं, तो घर वालों से मिलने से पहले कपड़े उतार कर धुलाई करते हैं और नहाकर दूसरे साफ कपड़े पहनते हैं। ताकि परिवार के दूसरे सदस्यों का भी बचाव हो सके।