जिगरी दोस्त का अपहरण करके हत्या करने वाले तीन युवकों को उम्रकैद
फिरौती वसूलने के लिए किया था अमित का अपहरण, मार पिटाई की तो हो गई मौत जागरण संवाददाता, जींद : शहर
फिरौती वसूलने के लिए किया था अमित का अपहरण, मार पिटाई की तो हो गई मौत
जागरण संवाददाता, जींद : शहर के अपोलो रोड पर साढ़े चार साल पहले दस लाख रुपये की फिरौती वसूलने के लिए अपने जिगरी दोस्त अमित की गला घोंटकर हत्या करने वाले तीन युवकों को अदालत ने उम्रकैद व 56-56 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उसके पिता कर्मबीर ने शुरुआत से ही संघर्ष जारी रखा, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते उसका पिता कर्मबीर को अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो पाया और पुलिस ने उसके बेटे के शव को लावारिश मानकर अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद से उसका पिता लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों व उसके बेटे की हत्या करने के मुख्य आरोपित प्रवीन उर्फ पिन्ना को गिरफ्तार करने के लिए हर द्वार पर दस्तक दी, लेकिन दोनों ही मामले में कुछ नहीं हो पाया। न तो लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही हत्या करने का मुख्य आरोपित गिरफ्तार हुआ। हालांकि मंगलवार को अदालत द्वारा हत्या में शामिल तीन युवकों को उम्रकैद की सजा सुनाने के बाद अमित के परिजनों को कुछ राहत दी है, लेकिन अब भी उनको मुख्य आरोपित प्रवीन उर्फ पिन्ना की गिरफ्तारी नहीं होने का मलाल है।
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यह था मामला
अदालत में चले अभियोग के अनुसार अपोलो रोड निवासी धर्मकांटा व्यवसायी कर्मबीर ने 3 अक्टूबर 2013 को शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका 22 वर्षीय बेटा अमित सुबह को¨चग लेने के लिए घर से निकला था, लेकिन दोपहर तक वह घर वापस नहीं लौटा। दोपहर को अमित के मोबाइल फोन से कॉल आई और फोन करने वाले व्यक्ति ने अमित के अपहरण होने के बारे में बताया। साथ ही अपहरणकर्ता ने अमित को छोड़ने की एवज में दस लाख रुपये की मांग की, लेकिन अपहरणकर्ता ने फिरौती की राशि को कहां पहुंचाना है इसके बारे में कुछ नहीं बताया। बाद में फोन करने की बात कहकर मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया। 5 अक्टूबर को बीड़ वाली ढाणी के पास से सदर पुलिस ने एक शव बरामद किया, जिसे लावारिस घोषित कर 8 अक्टूबर को अंतिम संस्कार कर दिया गया। 24 अक्टूबर को मृतक के कपड़ों और अन्य सबूतों के आधार पर शिनाख्त हुई कि शव अमित का था। इसके बाद पुलिस ने हत्या की धाराएं भी जोड़ ली। इसके बाद पुलिस ने हत्या करने वालों का पता करना चाहा तो इसके तार उसी के दोस्तों जुड़े। पुलिस ने इस मामले में उसके दोस्त गांव छाजपुर खुर्द निवासी जितेंद्र उर्फ गोली, जोगेंद्र, अलेवा निवासी आकाश उर्फ कोकी, कैथल रोड निवासी सोनू को गिरफ्तार किया था। जबकि इस मामले में कुछ आरोपित अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए सोनू, जितेंद्र, जोगेंद्र को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद व 56-56 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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बिना शिनाख्त कर दिया था अंतिम संस्कार
पुलिस ने शहर थाने की सीमा से बाहर शव मिलने के बाद सदर थाना पुलिस ने बिना शिनाख्त के ही अमित के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया था। पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट मृतक के पिता कर्मबीर ने मामले की शिकायत जिला कष्ट निवारण समिति में लगाई थी। सुनवाई के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछले साल ही आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था। स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए, लेकिन इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री का परिवेदना समिति का जिला बदल दिया। इसके साथ ही मामले की जांच भी यहीं पर दब गई।
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50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ मुख्य आरोपित पर
अमित हत्याकांड के मामले के मुख्य आरोपित राजनगर जींद निवासी प्रवीन उर्फ पिन्ना वारदात के बाद से फरार चल रहा है। पुलिस ने प्रवीन को पीओ घोषित करके 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ है, लेकिन साढ़े चार साल बाद बीत जाने के बाद भी इसका सुराग नहीं लग पाया है। पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि अमित का वारदात से कुछ दिन पहले ही क्रिकेट खेलने को लेकर प्रवीन के साथ कहासुनी हो गई थी। इसी कहासुनी के बाद प्रवीन ने फिरौती मांगने की योजना बनाई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद प्रवीन उनको छोड़कर फरार हो गया था, उसके बाद उनको भी पता नहीं वह कहां पर है।