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शंक्ष प्रक्षालन कार्यक्रम में हजारों को कराई योग क्रियाएं

जागरण संवाददाता, जींद : अगर पेट में किसी भी तरह की परेशानी है तो शंक्ष प्रक्षालन करने से

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 03:00 AM (IST)
शंक्ष प्रक्षालन कार्यक्रम में हजारों को कराई योग क्रियाएं
शंक्ष प्रक्षालन कार्यक्रम में हजारों को कराई योग क्रियाएं

जागरण संवाददाता, जींद : अगर पेट में किसी भी तरह की परेशानी है तो शंक्ष प्रक्षालन करने से वह तुरंत प्रभाव से दूर हो जाएगी। शंक्ष प्रक्षालन ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें पेट से जुड़ी समस्याओं को लेकर ही योगा अभ्यास करवाए जाते हैं। भारतीय योग संस्थान की अर्बन जिला इकाई ने रविवार को सुप्रीम सीनियर स्कूल में ऐसा कार्यक्रम करवाया गया, जिसमें शहर के आस पास क्षेत्र से काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

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संस्थान के प्रधान शमशेर ¨सह ने बताया कि यह कार्यक्रम साल में दो बार ही करवाया जाता है। एक बार मार्च-अप्रैल और दूसरी बार सितंबर-अक्टूबर माह में किसी भी एक दिन करवाया जाता है। इसमें पेट से जुड़ी सभी प्रकार की योग क्रियाएं करवाई जाती हैं। यह 3 से 4 घंटे तक का कार्यक्रम होता है, जिसमें पेट की सभी क्रियाएं करवाई जाती हैं। एक बार कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने से पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है। प्रशिक्षकों ने बताया कि हमें पेट के योगा अभ्यास के दौरान कितना पानी किस समय पीना चाहिए और कितना पीना चाहिए। कुछ लोगों ने तीन प्रकार की नेती रबड़, जल सूत्र व जल नेती भी की। रबड़ नेती में एक रबड़ को एक नाक से डालकर दूसरी नाक में डाला जाता है। सूत्र नेती में भी इस तरह की क्रिया होती है, लेकिन जल नेती में तांबे के बर्तन से एक नाक में से दूसरी नाक से पानी निकाला गया। इस मौके पर रामनिवास, हरदीप ¨सह, राज¨सह, रमेश खटकड़ मौजूद थे।

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पेट में नहीं रहती कोई बीमारी

जिले में सन 1985 से यह कार्यक्रम संस्था के द्वारा करवाया जा रहा है। अब की बार संस्था की ओर से यह 20 वां कार्यक्रम आयोजित करवाया गया था। अब तक करवाए गए कार्यक्रमों में हजारों लोग इसका फायदा उठा चुके हैं। शंख प्रक्षालन का प्रशिक्षण लेने से पेट में किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं रहती, अगर एक बार कार्यक्रम में सिखाई गई क्रियाओं को अच्छे तरीके से रोजाना किया जाए तो यह क्रियाएं सुबह जल्दी उठकर खाली पेट करनी होती है। इनको करते समय एक बात का ध्यान रखना जरूरी होता है जो यह कि पानी साथ में रखना होता है और क्रियाएं करते समय सीमित मात्रा में हर एक क्रिया के बाद पानी पीना जरूरी होता है।

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काफी लोगों को इसका हुआ फायदा

संस्थान के जिला प्रधान शमशेर ¨सह ने बताया कि इसका फायदा काफी लोगों को हुआ है। एक बार जो नया-नया करता है तो उसको थोड़ी सी दिक्कत होती है। अगर वह इसको लगातार नियमानुसार करता है तो किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।

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पेट में रहता था दर्द

संस्था के जुलाना प्रधान पवन कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले मेरे पेट में दर्द रहता था जब से मैंने इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण लिया है, उसके बाद से मैं लगातार क्रियाएं कर रहा हूं। क्रियाएं करने के बाद से आज तक कभी भी पेट में दर्द नहीं रहा।

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हजारों ने लिया प्रशिक्षण

संस्था के राज्य मंत्री होशियार ¨सह ने बताया कि आज तक पूरे प्रदेश में हजारों लोग प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह प्रदेश के सभी जिलों में चलाया जाता है। हर वर्ग के लोग इसमें भाग लेते हैं।

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पहली बार आई अच्छा लगा

महिला रानी ने बताया कि वह इस तरह के कार्यक्रम में पहली बार आई है, बहुत ही अच्छा लग रहा है। इससे पहले वह इस तरह के कार्यक्रम में कभी नहीं गई। उसके पेट में काफी दिक्कत रहती थी, लेकिन यहां आने के बाद से कुछ हद तक आराम लग रहा है।

महीने मे दो बार होना चाहिए कार्यक्रम

महिला सुदेश देवी ने बताया कि यह कार्यक्रम साल में दो बार होने की बजाय महीने में दो बार होना चाहिए ताकि सभी लोगों के पेट की सफाई हो सके। क्योंकि कुछ लोग जंक फूड खाते ज्यादा खाते हैं और पेट खराब हो जाता है।


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