हजारों विद्यार्थियों ने पराली न जलाने, आतिशबाजी न करने को लेकर निकाली शहर में रैली
संवाद सूत्र, उचाना : जैन संत द्वारा शहर के स्कूलों में चलाई जा रही मुहिम जागो-जागो आतिशबाज
संवाद सूत्र, उचाना : जैन संत द्वारा शहर के स्कूलों में चलाई जा रही मुहिम जागो-जागो आतिशबाजी त्यागो, खेतों में पराली न जलाओ अभियान से जुड़ते हुए विभिन्न स्कूलों के हजारों विद्यार्थियों ने रैली निकाली। रैली में शिवानियां स्कूल उचाना, चाणक्य इंटरनेशनल स्कूल कसुहन, एसडी स्कूल उचाना कलां, उचाना मंडी, गीता विद्या मंदिर स्कूल उचाना मंडी के हजारों विद्यार्थियों ने लोगों को जागरूक किया। रेलवे रोड पर एसडी महिला कॉलेज परिसर में एकत्र हुए विभिन्न स्कूलों के हजारों विद्यार्थियों को एसएस जैनसभा के महामंत्री दयानंद जैन ने आतिशबाजी न करने, पराली न जलाने का संकल्प दिलाया। इस मुहिम में छठीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थी ने हिस्सा लिया। रैली रेलवे रोड से होते हुए पुरानी मंडी रोड, पुलिस चौकी रोड, लितानी रोड से होते हुए एसएस जैन सभा स्थानक पहुंच कर सम्पन्न हुई। हजारों विद्यार्थियों की इस रैली के चलते एक बार शहर में जाम की स्थिति पैदा हो गई। विद्यार्थियों ने लोगों को जागरूक करते हुए नारों से आतिशबाजी न करने, पराली न जलाने के लिए भी प्रेरित किया। शहर के लोगों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने शहर में पहली बार हुई ऐसी मुहिम का साथ देते हुए लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। संघ शास्ता सुदर्शन लाल महाराज के शिष्य अचल मुनि ठाणे-5 ने कहा कि आतिशबाजी करने से कई तरह के नुकसान होते हैं। पर्यावरण प्रदूषित होता है। जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। जैन संत ने कहा कि खेतों में पराली किसान जलाते है। इसका नुकसान भूमि के साथ-साथ वातावरण को होता है। भूमि की उपजाऊपन कम होता है जिससे पैदावार कम होती है। इस मौके पर रामचंद्र जैन, भारत भूषण जैन, शीलू बुडायन, विजय जैन, मदन लाल जैन, गो¨वद, टेकचंद, सुरेंद्र गर्ग, प्रेम उचाना खुर्द, जोनी जैन, दिपेश, ऋतिक, ¨चटू, मोहित, आशीष, होशियारी जैन, सुमित जैन, सौरभ गर्ग, सतीश बुडायन, दिपांशु मौजूद रहे।
प्रदूषण के लिए सरकार नहीं, खुद हम जिम्मेदार
हम प्रदूषण को लेकर सरकार को दोष देते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार नहीं बल्कि हम खुद जिम्मेदार होते हैं। खुद बदलो तो वातावरण जो दूषित हो रहा है वो नहीं होगा। शीतल मुनि ने शहर के सभी स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को एक सप्ताह तक आतिशबाजी न करने, पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया।