कोर्ट में नहीं होगी रेगुलर सुनवाई, बेल व स्टे के मामले ही सुने जाएंगे
सोमवार को न्यायिक परिसर में जजों की डीसी व डीआइजी के साथ कोर्ट खोलने के लिए बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन आने तक अभी यथास्थिति बरकरार रहेगी।
जागरण संवाददाता, जींद: कोरोना के कारण दस महीने से बंद कोर्ट में रेगुलर केसों पर अभी सुनवाई नहीं होगी। पहले की तरह जरूरी जमानत व स्टे के मामले ही सुने जाएंगे। सोमवार को न्यायिक परिसर में जजों की डीसी व डीआइजी के साथ कोर्ट खोलने के लिए बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन आने तक अभी यथास्थिति बरकरार रहेगी।
एडिशनल कोर्ट कॉम्प्लेक्स के कांफ्रेंस हॉल में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि फिलहाल बेल व स्टेट के जरूरी मामलों पर ही फिजिकल हियरिग जारी रहेगी। सरकार की ओर से कोरोना महामारी को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई हैं, उनका पालन किया जाएगा। नए केस फाइल होते रहेंगे, लेकिन उन पर सुनवाई नहीं होगी। किसी पुराने केस पर दोनों पक्षों के वकील राजी हैं तो जज सुनवाई करने पर फैसला ले सकते हैं। लेकिन कोरोना से पहले की तरह रेगुलर सुनवाई अभी शुरू नहीं होगी। बैठक में मौजूद जिला बार एसोसिएशन के प्रधान राजेश गोयत, सफीदों बार के प्रधान रमेश भारद्वाज व नरवाना बार के प्रधान पवन नैन ने बताया कि उन्होंने कोर्ट को दोबारा पहले की तरह खोलने का आग्रह किया था। लेकिन अभी इस बारे में हाइकोर्ट की कोई गाइडलाइन नहीं आई है। इसलिए जिले की 16 में से 7 कोर्ट में ही स्टे व बेल के अर्जेंट केसों की फिजिकल सुनवाई होगी। गोयत ने बताया कि उन्होंने बैठक में सुझाव दिया था कि धीरे-धीरे सभी कोर्ट में पहले की फिजिकल सुनवाई शुरू कर देनी चाहिए। पुराने केसों की सुनवाई न होने से काफी लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।