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पूरे साल खेल विभाग को नहीं मिल पाया खुद का आशियाना

साल 2019 पूरा बीत गया और इस पूरे साल में जिला खेल विभाग कार्यालय को अपना खुद का आशियाना नहीं मिल पाया। अर्जुन स्टेडियम में मल्टीपर्पज हाल और सुविधा सेंटर के निर्माण के चलते खेल विभाग कार्यालय को पहले एकलव्य स्टेडियम और अब बाल दीवान रंगशाला में अस्थायी रूप से चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 08:34 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 08:34 AM (IST)
पूरे साल खेल विभाग को नहीं मिल पाया खुद का आशियाना
पूरे साल खेल विभाग को नहीं मिल पाया खुद का आशियाना

जागरण संवाददाता, जींद : साल 2019 पूरा बीत गया और इस पूरे साल में जिला खेल विभाग कार्यालय को अपना खुद का आशियाना नहीं मिल पाया। अर्जुन स्टेडियम में मल्टीपर्पज हाल और सुविधा सेंटर के निर्माण के चलते खेल विभाग कार्यालय को पहले एकलव्य स्टेडियम और अब बाल दीवान रंगशाला में अस्थायी रूप से चलाया जा रहा है। खेलों में जिले को इस साल कोई नई सौगात नहीं मिल पाई। एकलव्य स्टेडियम भी खेल विभाग के अधीन नहीं हो पाया।

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साल की शुरूआत में जिले के खिलाड़ियों को उम्मीद थी कि पूरी तरह से बनकर तैयार एकलव्य स्टेडियम इस साल खेल विभाग के अधीन हो जाएगा और स्टेडियम के दरवाजे उनके लिए खुल जाएंगे। पूरा साल बीत गया लेकिन एकलव्य स्टेडियम हुडा से खेल विभाग के अधीन नहीं हो पाया। दरअसल एकलव्य स्टेडियम का बिजली का बिल लाखों रुपये का पेंडिग है, जिसे न तो खेल विभाग भरने को तैयार है और न ही हुडा विभाग। खेल विभाग अपनी जगह सही है, क्योंकि खेल विभाग ने इस बिजली का उपयोग ही नहीं किया तो वह इसका भुगतान क्यों करेगा। इस मशक्कत में मामला उलझा हुआ है। विभाग के मुख्यालय तक यह मामला जा चुका है लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। दोनों विभागों को बेशक किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं हो लेकिन खिलाड़ियों को जरूर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अर्जुन स्टेडियम के इनडोर हॉलों पर लगा रहा पूरे साल ताला

अर्जुन स्टेडियम में इनडोर खेलों के लिए बनाए तीनों हॉलों पर पूरे साल निर्वाचन आयोग का कब्जा रहा। पहले जींद उप-चुनाव, इसके बाद लोकसभा चुनावों और फिर विधानसभा चुनावों के चलते इन हॉलों से ईवीएम मशीनें निकाली और यहीं पर लाकर रख दी गई। हॉलों से साल भर ताले नहीं खुले और खिलाड़ी इनडोर खेलों की प्रेक्टिस करने से वंचित रह गए। अर्जुन स्टेडियम को मात्र रेस लगाने का मैदान ही बनाकर छोड़ दिया गया। 5 खेलों के मिले कोच

जिला खेल और युवा कार्यक्रम विभाग को इस साल जिन 5 खेलों में नए कोच मिले हैं, उनमें जूडो, खो-खो, बैडमिटन, वेट लिफ्टिंग और रेसलिग शामिल है। अब भी कई खेल ऐसे हैं, जिनका मुख्यालय पर तो क्या, जिले में भी कोच नहीं है। बिना कोच और खेल सुविधाओं के जिले की प्रतिभाओं को उभार नहीं मिल पा रहा। नए साल में यह रहेंगी उम्मीदें

नए साल में खिलाड़ियों को कई उम्मीदें रहेंगी। जिला स्तर पर खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने के लिए अर्जुन स्टेडियम फैसिलिएशन सेंटर की सुविधा मिलेगी। 3 मंजिला यह सुविधा केंद्र 3 करोड़ से बनकर तैयार होगा। इसमें खिलाड़ियों को रूकने से लेकर सोने और ड्रेस चेंजिग की सुविधा मिलेगी। एकलव्य स्टेडियम भी अगले साल मिल सकता है। नरवाना में सिंथेटिक ट्रैक के बनकर तैयार होने की भी प्रबल संभावना है। हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान की सौगात भी खिलाड़ियों को मिल सकती है। इसके अलावा स्वीमिग पूल की भी सौगात मिलने की संभावना है। खेल विभाग का प्रयास रहता है कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलें। 5 नए कोच के मिल जाने से खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। जहां तक बात है एकलव्य स्टेडियम के हैंडओवर किए जाने की तो इसको लेकर निदेशालय को पत्र लिखा हुआ है।

जेजी बैनर्जी, जिला खेल और युवा कार्यक्रम अधिकारी, जींद


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