इंटरनेट ने युवाओं को भटकाया, कला दिखा सकती है सही दिशा: फौगाट
जोगेंद्र दूहन, जींद गुड्डू रंगीला फिल्म के प्रसिद्ध गीत कल रात माता का मुझे ई-मेल आया है.
जोगेंद्र दूहन, जींद
गुड्डू रंगीला फिल्म के प्रसिद्ध गीत कल रात माता का मुझे ई-मेल आया है.. के ¨सगर गजेंद्र फौगाट ने कहा कि इंटरनेट ने युवाओं को भटका दिया है। इसका सदुपयोग कम हो रहा है और दुरुपयोग ज्यादा। कंपनियों में फ्री इंटरनेट देने की होड़ से युवा वैश्विक संस्कृति में घुस गया है। ऐसे में कला और संगीत ही उसे सही रास्ता दिखा सकती है।
रविवार को जींद आए गजेंद्र फौगाट ने दैनिक जागरण कार्यालय में खास बातचीत में कहा कि युवाओं को अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। जब संस्कार खत्म होते हैं, तब दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ती हैं। पिछले 10-12 सालों में महत्वाकांक्षा बढ़ने से युवा उद्वेलित और असंतुष्ट हुआ है। वह समाज की धारा के खिलाफ चल रहा है। भटकन की स्थिति में होने के कारण वह बाहर विद्रोह कर रहा है, जबकि यह विद्रोह अपने अंदर करने की जरूरत है। ¨हदुस्तान का युवा इंटरनेट पर वह देखता है कि विदेश के युवक समृद्धि में जी रहे हैं, तो वह भी उसी तरह जीना चाहता है। उसके सपने बड़े हो गए हैं। वह जड़ों को भूलकर पाश्चात्य देशों से तुलना करता है। इससे वह बेचैनी है। असुरक्षा के इस माहौल में वह सबसे पहले नशे की तरफ भागता है। फिर उसकी दिशा भटक जाती है। घर-समाज का अनुशासन तोड़ देता है और समाज विरोधी कार्यों में शामिल हो जाता है। इससे वह चोरी, दुष्कर्म, डकैती, छीनाझपटी जैसी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर देता है। इस माहौल में कला, संगीत युवाओं को सही रास्ता दिखा सकते हैं। कलाकारों को मंच के कार्यक्रम ज्यादा करने चाहिए। इससे वह युवाओं से सीधा जुड़ेंगे। गजेंद्र ने कहा कि वह अपने सभी कार्यक्रमों में युवाओं को कहते हैं कि मोबाइल बंद करके उनके साथ मस्ती में शामिल हों। आज लोगों के फेसबुक पर 5 हजार फ्रेंड हैं, लेकिन मुसीबत के समय एक भी नहीं मिलता। इसलिए असली ¨जदगी जीने की जरूरत है। कला लोगों के दिलों के तार को जोड़ने का सशक्त माध्यम है।
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गंदगी न परोसें कलाकार, लोगों के बीच जाएं
हरियाणा कला परिषद के रीजनल डायरेक्ट गजेंद्र फौगाट ने कहा कि कुछ कलाकार में गदंगी परोस रहे हैं। एक सोशल साइट की गेम सीरीज में कई नग्न ²श्य और असंख्या गालियां हैं। इस सीरीज में नामी कलाकार हैं। ऐसे कलाकारों को सोचना चाहिए कि वे ऐसी साइटों के कार्यक्रमों में शामिल होते समय ध्यान दें कि उसका देश के युवाओं पर क्या असर पड़ेगा? गजेंद्र ने कहा कि मंच जीवंत कला है। कलाकारों को चाहिए कि वह लोगों के बीच जाकर मंच की कला को बढ़ावा दें। कलाकार अपने हुनर से हजारों युवाओं को जोड़ सकता है और सीधी ¨जदगी से रूबरू करा सकता है। --रीस करो भगत ¨सह सरदार की..
गजेंद्र फौगाट ने कहा कि वह मंच पर युवाओं को देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों पर आधारित गीत सुनाते हैं। एक गीत की लाइनें हैं.. ढुंगे ऊपर टांगे पिस्टल, बणे फिरैं बदमाश रै। गऊ माता ठोकर मैं रूलगी, किसे नै कोन्या ख्यास रै। जिसके गुर्दे मैं दम हो, उसनै चाहना के हथियार की। करणी सै तो रीस करो, उस भगत ¨सह सरदार की। इसके अलावा भगत ¨सह तेरी फोटो क्यों ना छपती नोटां पै.. इसा एंडी म्हारा हरियाणा.. सेक्टर आली कोठी मैं नहीं लागता जी.. जैसे गीत लोगों को समाज से जोड़ते हैं। बेटी बचाओ पर उनके गाए गीत बूंद खून की तेरै गर्भ मैं तनै आज पुकारै मां, आवण दे मनै ¨जदगी मैं क्यूं आण तै पहलां मारै मां.. को खूब पसंद किया जा रहा है। --मेलबर्न में मनाएंगे हरियाणा-डे
गजेंद्र फौगाट ने कहा कि वह 27 नवंबर को पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में उनके निर्देशन में 18 देशों के 400 नृतक-नृतकाएं फोक डांस फेस्टिवल में भाग लेंगे। इसके बाद 3 नवंबर को साउथ मोरांग मेलबर्न के येन येने थिएटर में हरियाणा डे मनाया जाएगा, जिसमें हरियाणवी संस्कृति का तड़का लगेगा। आगामी गानों के बारे में कहा कि जल्द ही उनका हरियाणवी गाना ट्यूबवेल पर दीवाली आ रहा है। इसमें गांव का चित्रण है कि गांव के बच्चे खेत में किस तरह मेहनत करते हैं और ट्यूबवेल पर रागिनी गाते हैं। इस गीत को राममेहर मेहला ने लिखा है।