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दोपहर तक चली 20 बस, हड़ताल के बाद चली 47

ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को हुई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर जींद रोडवेज में देखने को मिला।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 08:02 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 08:02 AM (IST)
दोपहर तक चली 20 बस, हड़ताल के बाद चली 47
दोपहर तक चली 20 बस, हड़ताल के बाद चली 47

जागरण संवाददाता, जींद: ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को हुई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर जींद रोडवेज में देखने को मिला। दोपहर से पहले जहां केवल 20 बसें ही निकल पाई। दोपहर बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म की, जिसके बाद 47 बसें और रूटों पर निकाली गई। सुबह के समय डिपो प्रबंधन ने बसें निकाली तो रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने बस के आगे खड़े होकर विरोध किया। जिस पर पुलिस ने उन्हें साइड में कर दिया। बसों की कमी से यात्रियों को दिनभर काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कर्मचारियों की इस हड़ताल में डिपो की तीनों महिला कंडक्टर ने भी भाग लिया।

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सुबह साढ़े तीन बजे ही कर्मचारी नेता अनूप लाठर, आजाद गिल, सज्जन कंडेला, सुशील ईक्कस, संदीप, वजीर गांगोली, जसबीर चहल, सुरेंद्र, शेर सिंह, सतीश, बलकार, राममेहर, नवदीप ढांडा, मनदीप रेढू समेत दर्जनों कर्मचारी बस अड्डे के बाहर जुटना शुरू हो गए थे। महाप्रबंधक बिजेंद्र सिंह ने सुबह चार बजे दिल्ली के लिए पहली बस को रवाना किया, तो बस अड्डे के गेट के बाहर खड़े कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने बस को रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन बस चालक साइड से बस निकाल ले गया। इसके बाद साढ़े चार बजे चंडीगढ़ के लिए बस बाहर निकली, तो कर्मचारी नेता बस के आगे खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। डीएसपी कप्तान सिंह और दूसरे पुलिस बल ने उन्हें एक तरफ किया। व्यवस्था बनाने की खातिर दो ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नायब तहसीलदार और बीडीपीओ उचाना की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन समय पर एक भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट नहीं पहुंचा। इसके बाद डिपो में बसें तो थी और गेट भी खुला था, लेकिन बसें चलाने के लिए चालक-परिचालक नहीं थे, क्योंकि ज्यादातर चालक-परिचालक हड़ताल में शामिल हो गए। यात्रियों को हुई परेशानी

रोडवेज बसों के पहिये थम जाने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक तो हड़ताल और दूसरे बारिश के चलते यात्री बस अड्डे पर ही कैद होकर रह गए। बसों की कमी के चलते यात्री इधर-उधर भटकते रहे। रोडवेज बसों की हड़ताल का निजी बस चालकों और टैक्सी चालकों ने जमकर फायदा उठाया। निजी बसों में यात्री तूड़ी की तरह भरे हुए थे। बिना परमिट की बसों को भी रूटों पर उतारा गया था। एक बस को महाप्रबंधक ने पकड़ उसे वर्कशॉप में खड़ा करवा दिया और देर शाम को ही जाने दिया। लुधियाना से आ रही बस का तोड़ा शीशा

लुधियाना से जींद की तरफ आ रही जींद डिपो की एक बस का मालेरकोटला के ट्रिब्यूनल चौक पर शरारती तत्वों ने शीशा तोड़ दिया। बस सुबह 5 बजे लुधियाना से जींद के लिए चली थी। परिचालक अरविद कुमार ने बताया कि बस के पिछले शीशे पर पत्थर फेंका गया था, जिससे बस का पिछला शीशा टूट गया। इसमें किसी यात्री को चोट नहीं आई। जींद डिपो और सब-डिपो से बसों की 109 रोटेशन निकली हैं। विभाग का प्रयास रहा कि यात्रियों को परेशानी न हो, इसमें उन्हें सफलता भी मिली। डिपो के 313 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। ज्यादातर बसें रूटों पर निकाली गई। मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।

बिजेंद्र हुड्डा, महाप्रबंधक, जींद डिपो।


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