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किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों को देना होगा ड्राइविग टेस्ट

किलोमीटर स्कीम के तहत परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों को ड्राइविग टेस्ट देना होगा। उसके बाद ही यह बस चालक बसों को चलाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 06:11 AM (IST)
किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों को देना होगा ड्राइविग टेस्ट
किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों को देना होगा ड्राइविग टेस्ट

प्रदीप घोघड़ियां, जींद

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किलोमीटर स्कीम के तहत परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों को ड्राइविग टेस्ट देना होगा। उसके बाद ही यह बस चालक बसों को चलाएंगे। हालांकि जींद डिपो में शामिल बसों के चालकों का टेस्ट हो चुका है लेकिन 17 मार्च को मुख्यालय द्वारा सभी महाप्रबंधकों को पत्र भेज टेस्ट लेने के लिए कहा गया है।

किलोमीटर स्कीम के तहत जींद डिपो में 15 बसें शामिल हुई थी। डिपो प्रबंधन द्वारा इन बसों को 26.92 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। इन बसों में परिचालक सरकार का है और चालक ठेकेदार है। निजी बस आपरेटर ने अपने खुद के चालक इन बसों पर रखे हैं। चालकों की सेलरी का भुगतान ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट के अनुसार इन बसों को रोजाना कम से कम 400 किलोमीटर या इससे ज्यादा का सफर तय करना होता है। इस शर्त को देखते हुए ये सभी बसें लंबे रूटों पर ही चलाई जा रही है, क्योंकि अगर इन बसों को छोटे रूटों पर चलाया तो किलोमीटर पूरे नहीं हो पाएंगे।

एक महीने में हो चुके हैं कई हादसे

दरअसल जब से किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल की गई है, तब से इन बसों के साथ कई हादसे हो चुके हैं, जबकि रोडवेज बसों का कोई दुर्घटना का मामला सामने नहीं आया है। यात्रियों की जान को किसी तरह का जोखिम न हो, इसलिए परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि इन बसों पर लगे चालकों को दोबारा से टेस्ट लिया जाए। यहां यह जरूर उल्लेखनीय है कि जींद डिपो की कोई बस अभी हादसे से दूर हैं।

चार तरह के देने होंगे टेस्ट

किलोमीटर स्कीम के तहत लगे चालकों का टेस्ट डिपो प्रबंधन द्वारा ही लिया जाएगा। इसमें चार तरह के टेस्ट लिए जाएंगे, जिनमें डग टेस्ट, 8-सेफ, जिग-जैग, रोड टेस्ट शामिल हैं। इनमें सबसे मुश्किल 8-सेफ टेस्ट होता है, जिसमें चालक को बस से आठ बनाना होता है। इसमें चालक का पास होना जरूरी होता है। टेस्ट के दौरान महाप्रबंधक, ट्रैफिक मैनेजर, वर्कशॉप मैनेजर, बस का मालिक का मौजूद होना जरूरी है। अगर वर्कशॉप मैनेजर या ट्रैफिक मैनेजर नहीं होंगे तो अकाउंट आफिसर मौजूद रहेंगे।

मुख्यालय से आदेश मिले हैं : बिजेंद्र हुड्डा

विभाग के मुख्यालय से आदेश मिल चुके हैं, जिनमें किलोमीटर स्कीम वाली बसों के चालकों का टेस्ट लेने के लिए बोला गया है। हालांकि जींद डिपो के चालकों का बाकायदा कमेटी बनाकर टेस्ट शुरू में ही लिया गया था, जिसमें पास चालकों को ही बसों पर रखा गया है। अगर दोबारा से टेस्ट लेना होगा होगा, तो ले लिया जाएगा।

--बिजेंद्र हुड्डा, महाप्रबंधक, जींद डिपो।


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