टैक्सी स्टैंड पर बने सार्वजनिक शौचालय की हालत खस्ता, शहरवासी परेशान
शहर में नगर परिषद ने जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय बनवाए थे, ताकि आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन सार्वजनिक शौचालय शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। जिस कारण नगरपरिषद के प्रति लोगों में काफी रोष है।
संवाद सूत्र, नरवाना : शहर में नगर परिषद ने जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय बनवाए थे, ताकि आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन सार्वजनिक शौचालय शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। जिस कारण नगरपरिषद के प्रति लोगों में काफी रोष है।
शहर में नगरपरिषद ने पुराना बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड, नई सब्जी मंडी, हुजूर मस्जिद, नेहरू पार्क आदि में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। सार्वजनिक शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन उनके रख-रखाव और साफ-सफाई करने के लिए नप प्रशासन गंभीर नहीं है। यही कारण है कि लगभग एक साल पहले बनाए ये शौचालय अपनी दुर्दशा को बयां करते नजर आते हैं। सार्वजनिक शौचालयों में पानी की कोई व्यवस्था नहीं हैं और टोंटियां आदि टूटी पड़ी हैं। टैक्सी स्टैंड पर बने सार्वजनिक शौचालय के सामने चार बैंकों की शाखाएं हैं, जहां रोजाना सैकड़ों उपभोक्ता आते हैं। अगर उनको लघुशंका करनी होती है, तो वे शौचालय की तरफ भागते हैं, लेकिन शौचालय की खराब हालत देखकर वे बाहर सड़कों और गलियां में लघुशंका करते हैं। यही नहीं ये शहर के बीच में बना हुआ है, जहां महिलाएं शौचालय की तलाश में इधर-उधर भटकती रहती है। शहरवासियों दिलबाग मोर, राजेंद्र ¨सह, अमन मोर, दिनेश शर्मा, सतबीर ¨सह, राजेश कुमार आदि का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय बना दिए हैं, तो उनका रख-रखाव और साफ-सफाई होनी जरूरी है। शौचालय बनाए हैं तो सफाई हो
शहरवासी ओमप्रकाश ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय नप प्रशासन ने बना तो दिए हैं, लेकिन उनकी देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे ये शौचालय लोगों के लिए समस्या बन गए हैं, क्योंकि उनसे भयंकर बदबू आती है। शहर में महिलाओं और बच्चे खरीदारी के लिए आते हैं, तो शौचालय खराब पड़े होने से लौट जाते हैं। स्वच्छ भारत का नारा तब सार्थक हो सकता है, जब शौचालयों की सफाई की जाए।
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शौचालयों की पाइप खराब है
सुरेंद्र ने बताया कि सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल करने के लिए ठेकेदार के पास तीन वर्ष तक का समय होता है, लेकिन ठेकेदार एक बार उनको बनाने के बाद दोबारा आया ही नहीं है। उससे शौचालयों की पाइप टूटी और खराब पड़ी हैं। इससे शौचालयों में आने वालों को परेशानी उठानी पड़ती है। जब कोई प्रशासनिक अधिकारी आता है, तो तब उनकी सफाई कर दी जाती है।
महिलाओं होती दिक्कत
अजीत ने बताया कि टैक्सी स्टैंड पर बना शौचालय शहर के बीच में हैं। बाजार में खरीदारी करने के लिए महिलाएं और बच्चे आते हैं, जिसके बाद लघुशंका करने के लिए शौचालय ढूंढ़ती रहती हैं, जब यहां शौचालय मिलता है, तो इसकी खराब हालत को देखते चली जाती हैं। टैक्सी स्टैंड पर बने शौचालय के पास चार बैंकों की शाखाएं हैं, फिर भी नप कोई सफाई और रखरखाव नहीं करता।
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सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव करने के लिए ठेकेदार को ठेका दिया हुआ है। अगर ठेकेदार रखरखाव नहीं करता है, तो उसको नोटिस दे दिया जाएगा और उसकी पेमेंट रोक दी जाएगी। लोगों को परेशान नहीं होने दिया जायेगा।
राजेंद्र प्रसाद, सचिव, नगर परिषद, नरवाना।