नगर परिषद ने बंदर पकड़ने के लिए मांगे टेंडर
शहर में करीब तीन हजार बंदर हैं। बंदरों की समस्या का पिछले साल से नगर परिषद की हाउस की मीटिग में हर बार मुद्दा उठता था। पार्षदों के सवाल पर नगर परिषद अधिकारी बंदर पकड़ने का टेंडर लगाने की बात करते। पिछले साल दो-तीन बार टेंडर मांगे भी गए लेकिन किसी फर्म द्वारा टेंडर नहीं भरा गया।
जागरण संवाददाता, जींद : आठ वर्षीय बच्ची की मौत के बाद सुध लेते हुए नगर परिषद ने बंदर पकड़ने के लिए टेंडर मांगे हैं। इसे भरने की अंतिम तिथि 31 मई है। 16 मई को मीट मार्केट के पास गली में आठ वर्षीय नैना गली में बच्चों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान वहां बंदर आ गए और उनके पीछे लग गए। बंदर से बचने के लिए नैना हांसी ब्रांच नहर की पटरी की तरफ भागी और नहर में कूद गई। डूबने से उसकी मौत हो गई थी।
शहर में करीब तीन हजार बंदर हैं। बंदरों की समस्या का पिछले साल से नगर परिषद की हाउस की मीटिग में हर बार मुद्दा उठता था। पार्षदों के सवाल पर नगर परिषद अधिकारी बंदर पकड़ने का टेंडर लगाने की बात करते। पिछले साल दो-तीन बार टेंडर मांगे भी गए, लेकिन किसी फर्म द्वारा टेंडर नहीं भरा गया। एक बार केवल एक फर्म का टेंडर आया। जिसने प्रति बंदर पकड़ने का 800 रुपये रेट भरा। रेट ज्यादा होने के कारण नगर परिषद ने टेंडर रद कर दिया। उसके बाद टेंडर ना लगाने के पीछे नगर परिषद ने लॉकडाउन शुरू होने का हवाला दिया।
जंगलों में छोड़े जाएंगे बंदर
ईओ डॉ. एसके चौहान ने बताया कि 31 मई टेंडर भरने की अंतिम तिथि है। जिस फर्म के निर्धारित शर्तो के अनुसार रेट कम होंगे, उसे टेंडर दिया जाएगा। बंदरों को पकड़ कर यमुनानगर के कलेसर के जंगलों में छोड़ा जाएगा। पहले भी कई बार टेंडर मांगे जा चुके हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से यह नहीं हो पाया था।