हमेटी में स्थापित होगी ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और लैब
किसानों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश के एकमात्र संस्थान हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार संस्थान परिसर में बने दो मंजिले भवन भवन में ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और लैब स्थापित की जाएगी। इसके लिए फर्नीचर और लैब में उपकरणों की व्यवस्था कराई जाएगी। इस नए भवन का जल्द मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन भी करवाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जींद : किसानों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश के एकमात्र संस्थान हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार संस्थान परिसर में बने दो मंजिले भवन भवन में ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और लैब स्थापित की जाएगी। इसके लिए फर्नीचर और लैब में उपकरणों की व्यवस्था कराई जाएगी। इस नए भवन का जल्द मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन भी करवाया जाएगा। डीसी अमित खत्री ने बुधवार को संस्थान का दौरा करने के बाद यह बात कही।
डीसी ने लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता नवनीत नैन को निर्देश दिए कि वे अल्पकालीन टेंडर आमंत्रित कर संस्थान की चहारदीवारी का निर्माण का कार्य शुरू कराएं। इसके लिए 11 लाख रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध हो गई। डीसी ने कहा कि इस संस्थान में सुविधाओं की सही व्यवस्था होनी चाहिए। यहां प्रशिक्षण के लिए आने वाले किसान एवं अधिकारियों को ठहरने जैसी सुविधाएं सही तरीके से मिले, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
उन्होंने यहां स्थापित क्लास रूम की व्यवस्था को भी देखा और कहा कि सभी क्लास रूमों में नए सिरे से सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए। संस्थान के निदेशक ने बताया कि संस्थान की चहारदीवारी गिरने के कारण यहां लावारिस पशु सीधे प्रवेश कर जाते है, जो पौधों आदि को भी नुकसान पहुंचाते हैं। डीसी ने संस्थान परिसर में लाइ¨टग की सही व्यवस्था करवाने की बात स्वीकार की। इस दो मंजिला भवन के निर्माण पर मार्के¨टग बोर्ड ने एक करोड़ 18 लाख रुपये खर्च किए हैं। इस मौके पर उप कृषि निदेशक डॉ. सुरेंद्र मलिक, हमेटी संस्थान के निदेशक जगमेंद्र ¨सह नैन, विभाग के सहायक कृषि अभियंता विजय कुंडू, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी अनिल नरवाल, एसडीओ मुकेश मैहला, बलजीत ¨सह, तकनीकी सहायक रणजीत ¨सह सग्गू, बलजीत ¨सह आदि उपस्थित रहे।
36 साल पहले बना था एटीआइ सेंटर
वर्ष 1982 में यहां एटीआइ सेंटर की स्थापना हुई थी। कृषि विभाग की गतिविधियों को जन साधारण तक पहुंचाने के लिए इस सेंटर की स्थापना हुई। वर्ष 2006 में इसे राज्यस्तरीय कृषि प्रबंधन एवं विस्तार संस्थान का दर्जा दिया गया। इस कारण यहां प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों एवं किसानों के लिए हॉस्टल इत्यादि की भी व्यवस्था की गई। यहां एक रेस्ट हाउस का भी निर्माण करवाया गया।