पीटीआइ के समर्थन में उमड़ा जन सैलाब देख प्रशासन के फूले हाथ-पांव
जागरण संवाददाता जींद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद नौकरी से बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआइ अध्
जागरण संवाददाता, जींद : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद नौकरी से बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में शनिवार को नई अनाज मंडी में हुई सर्वजातीय महापंचायत में उमड़ी भीड़ ने प्रशासन के हाथ-पांव फूला दिए। प्रशासन को अंदेशा ही नहीं था कि हजारों की संख्या में लोग महापंचायत में पहुंच जाएंगे। शनिवार सुबह बर्खास्त पीटीआइ अनाज मंडी में टेंट लगाने लगे तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार मनोज अहलावत के साथ पुलिस मौके पर पहुंची और वहां पर बिछाई गई दरियों को हटाने लगे, लेकिन वहां पर मौजूद पीटीआइ उन दरियों के ऊपर लेट गए और हटाने नहीं दिया। पीटीआइ व पुलिस कर्मियों के बीच में हल्की झड़प भी हुई। वहां पर ज्यादा भीड़ देखकर प्रशासन पीछे हट गया। इसके बाद प्रशासनिक अमला मंडी में मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा। इस दौरान प्रशासनिक अमला महापंचायत की अनुमति नहीं होने के चलते कानूनी कार्रवाई की धमकी देता रहा, लेकिन बर्खास्त पीटीआइ ने कहा कि उन्होंने अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया हुआ है। उनका रोजगार छीना हुआ है, इसलिए वह महापंचायत करने से पीछे नहीं हटेंगे। बाद में महम और चरखी दादरी के विधायक समेत 100 से ज्यादा खाप प्रतिनिधि महापंचायत में पहुंचे और सभी ने बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में आवाज बुलंद की। महापंचायत के मंच से सभी ने सरकार को 25 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है। उसके बाद आंदोलन की शुरुआत होगी। उसके बाद जन सैलाब बढ़ता गया, जिसके सामने प्रशासन लाचार नजर आया। नहीं दिखा कोरोना का खौफ
यूं तो कोरोना के कारण हर कोई एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बना कर रखना चाहता है लेकिन नौकरी खो चुके पीटीआइ अध्यापक और उनके समर्थन में उतरे लोगों में कोरोना का खौफ दूर-दूर तक भी नजर नहीं आया। हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के राज्य प्रधान धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय विस्तृत जनसभा में प्रदेश भर से हजारों लोग पहुंचे। समिति के राज्य उप-प्रधान वजीर गांगोली, शौर्यचक्र विजेता दिलबाग जाखड़, जिला प्रधान अनिल मलिक ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जनसभा होकर रहेगी और वह धमकी तथा डंडों से नहीं दबेंगे। वजीर गांगोली ने कहा कि सरकार द्वारा एक सप्ताह में उनके पक्ष में कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया तो 25 जुलाई के बाद हरियाणा में बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। चरखी दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान और महम के विधायक बलराज कुंडू ने सरकार को खूब कोसा।
---------------
इन खापों ने दिया खुला समर्थन
बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में 100 से ज्यादा खाप पंचायतें आई, जिनमें सर्वखाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिनैन खाप के प्रधान नफेसिंह नैन, राष्ट्रीय प्रवक्ता सूबे सिंह समैण, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष संतोष दहिया, रामकरण सोलंकी, पूर्व आईपीएस रणबीर शर्मा, कंडेला खाप प्रधान टेकराम कंडेला, बिनैन खाप के पूर्व प्रधान रंगीराम, माजरा खाप से समुंद्र सिंह फोर, अशोक मदीना, सतबीर खेड़ा, जगमती सांगवान, राजा बलंभा समेत दर्जनों खाप प्रतिनिधियों ने आंदोलन की इस लड़ाई में साथ देने का ऐलान किया। कर्मचारी महासंघ ने भी आंदोलन में हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए भीड़ का सैलाब बढ़ाने का काम किया। कर्मचारी महासंघ के प्रदेश वित्त सचिव दिलबाग अहलावत व प्रदेश सचिव जयवीर जुलानी, जिला प्रधान कृष्ण नैन, महासचिव बीरबल शर्मा, पीडब्ल्यूडी प्रधान कृष्ण चहल, रोडवेज प्रधान अनूप लाठर, सुरेंद्र ढुल, सीताराम पांचाल अपने संगठन के हजारों कर्मचारियों को साथ जनसभा में शामिल हुए।
-----------
अब यह पीटीआइ की नहीं खापों की लड़ाई : नैन
नफे सिंह नैन ने कहा कि अब यह लड़ाई बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों नहीं होकर खापों की लड़ाई बन गई है। सरकार ने अगर नौकरी बहाल नहीं की तो फिर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। सूबे समैण ने कहा कि 1983 परिवारों को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। राज्य स्तरीय जनसभा के इस मंच पर बलंभा से पहुंचे राजा ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी नौकरी बहाल नहीं की तो 15 अगस्त नहीं मनाएंगे।
----------
खाप पंचायतों, विधायक तथा कर्मचारियों का जताया आभार
नौकरी के लिए आंदोलनरत पीटीआई अध्यापकों ने जनसभा का ऐलान किया था। शनिवार को इतनी भारी भीड़ देख प्रशासन के साथ-साथ खाप चौधरी भी दंग रह गए। बर्खास्त अध्यापकों के साथ-साथ उनके परिजन, दूसरे कर्मचारी, छात्र, शिक्षक और कई संगठनों से जुड़े लोग पहुंचे थे। संघर्ष समिति के राज्य प्रधान धर्मेंद्र सिंह, राज्य उपप्रधान वजीर गांगोली, शौर्यचक्र विजेता दिलबाग जाखड़ ने कहा कि प्रदेश की खापों, पंचायतों, संगठनों और जनहित में आवाज उठाने वाले विधायकों का जो समर्थन पीड़ित परिवारों को मिला है, उसके लिए वह उनके आभारी हैं। वह मरते दम तक अपना हक पाने के लिए आवाज बुलंद करते रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि लगभग 100 खापों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
------------------------
प्रशासन से नहीं ली गई थी अनुमति : अहलावत
डयूटी मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार मनोज अहलावत ने कहा कि जो रैली आयोजित की गई है उसकी कोई अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई है। जो लोग रैली में शामिल हुए उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। आदेशों की अवेहलना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।