दो बार भूमि पूजन पर टेंडर लापता
जागरण संवाददाता, जींद : रोहतक से दाता¨सह वाला पंजाब बार्डर तक वाया जींद बनने वाले फोरलेन अ
जागरण संवाददाता, जींद : रोहतक से दाता¨सह वाला पंजाब बार्डर तक वाया जींद बनने वाले फोरलेन और बड़े बाईपास का अब तक दो बार भूमि पूजन हो चुका है, परंतु इसका निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। 11 सितंबर 2016 को जींद में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली से पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र ¨सह के साथ ¨पडारा के पास गोहाना रोड पर अनूपगढ़ से दाता ¨सह तक बनने वाले फोरलेन व बड़े बाईपास का भूमि पूजन किया। इससे पहले 3 फरवरी 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा ने बाईपास का भूमि पूजन किया था। इसी वर्ष एनएचएआइ द्वारा 20 सितंबर को खोले गए टेंडर के लिए आवेदन करने वाली सात कंपनियों में से एक भी एजेंसी द्वारा निर्धारित शर्तो पर खरी नहीं उतर पाई। ऐसे में अब निर्माण कार्य शुरू करवाने से पहले नए सिरे से टेंडर जारी करना पड़ेगा तथा इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा, इस बारे में एनएचएआइ के प्रोजेक्टर अफसर भी खुलकर कुछ कह नहीं पा रहे हैं।
यह बोला था केंद्रीय मंत्री गड़करी
11 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ केंद्रीय मंत्री नीतिन गड़करी ने ¨पडारा के पास गोहाना रोड पर 1067 करोड़ की लागत से बाईपास व फोरलेन का भूमि पूजन किया था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि 20 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले वाया जींद दिल्ली से कटड़ा एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी प्रस्तावित है। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार एक रेलगाड़ी के दो पहिये बताते हुए विकास के लिए दोनों में संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगले दो वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू कर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा दिया जाएगा।
ये है स्टेट्स
वर्तमान केंद्र सरकार ने जींद से रोहतक, भिवानी, गोहाना, करनाल, कैथल, नरवाना, पानीपत व हांसी रोड को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया हुआ है। इनमें से रोहतक से पंजाब सीमा तक फोरलेन बनाने को स्वीकृति मिल चुकी है तथा भिवानी से करनाल मार्ग को फोरलेन करने की योजना प्रस्तावित है। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के बाद जींद के लिए बनने वाला पहला फोरलेन पिछले करीब सात साल से बीच में लटका हुआ है। जींद के बड़े बाईपास का निर्माण कार्य तो पिछले करीब 19 सालों से प्रस्तावित है तथा अब तक दो बार भूमि पूजन होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू होने का इंतजार है।
इसलिए है जरूरी
जींद शहर को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलवाने के लिए बड़े बाईपास तथा मिनी बाईपास का निर्माण जरूरी माना जा रहा है। 19 साल पहले शुरू हुई इस प्रपोजल के लिए 2007 में जमीन का अधिग्रहण हुआ तथा 3 मार्च 2008 को पहली बार भूमि पूजन किया गया। 2012 में बजट जारी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ तथा इसके कुछ समय बाद बंद हुआ, जो अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। बाईपास का निर्माण होने तक शहर को ट्रैफिक जाम से छुटकारा नहीं मिल सकता। फोरलेन का निर्माण होने से वाहनों का आवागमन बढ़ने से जींद में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ ही विकास को भी गति मिल सकती है।
इनका भी हुआ था उद्घाटन व शिलान्यास
- लघु सचिवालय का विस्तार भवन।
- सफीदों के सरला देवी मेमोरियल राजकीय महाविद्यालय
- सफीदों में महाराजा जनमेजय स्टेडियम।
- ¨सधवी खेड़ा व मंगलपुर 33 केवी के बिजलीघर।
- बड़ौदा में जलघर।
- जींद में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट।
- जींद में मेडिकल कॉलेज।
- जींद- पानीपत रेलवे लाइन पर बनने वाले अंडरपास का शिलान्यास।
दोबारा जारी होंगे टेंडर
टेंडर के लिए 20 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई थी, परंतु शर्तो के अनुसार आवेदन नहीं मिलने के कारण टेंडर नहीं छोड़ा जा सका। अब नए सिरे से दोबारा टेंडर जारी किए जाएंगे। टेंडर कब जारी होंगे तथा कब निर्माण कार्य शुरू होगा, इसका पूरा लेखा-जोखा मुख्यालय द्वारा तय किया जाएगा। मुख्यालय के दिशा निर्देशानुसार ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरके राठी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, हिसार।