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बुढ़ाखेड़ा के निकट सवारियों से भरा टाटा मैजिक पलटा, एक की मौत, 20 घायल

गांव बुढ़ाखेड़ा के निकट सोमवार सवारियों से भरा हुआ टाटा मैजिक पलटने से उसमें सवार एक महिला की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 09:20 AM (IST)
बुढ़ाखेड़ा के निकट सवारियों से भरा टाटा मैजिक पलटा, एक की मौत, 20 घायल
बुढ़ाखेड़ा के निकट सवारियों से भरा टाटा मैजिक पलटा, एक की मौत, 20 घायल

जागरण संवाददाता, जींद : गांव बुढ़ाखेड़ा के निकट सोमवार सवारियों से भरा हुआ टाटा मैजिक पलटने से उसमें सवार एक महिला की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। हादसा होते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और घायलों को निजी वाहन से नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।

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पुलिस के अनुसार गांव खरकगागर निवासी बलबीर की रिश्तेदारी कैथल जिले के गांव माजरा में है और पिछले दिनों वहां पर किसी की मौत हो गई थी। सोमवार को बलबीर का परिवार व ग्रामीण शोक जताने के लिए टाटा मैजिक से वहां जा रहे थे। जब वह गांव बुढ़ाखेड़ा के निकट पहुंचे तो मोड पर अचानक ही टाटा मैजिक अनियंत्रित हो गया और सड़क किनारे पलट गया। इसमें सवार गांव खरकगागर निवासी वीरमति, सोमा, केला, कमला, रोशनी, सरबती, कांता, ओमपति, रोशनी, महेंद्र , संतो, भानपति, दर्शनो, कमला, बाला, रेखा, सोनू, रामरत्न, बलबीर, नारायणदत्त, जयकरण टाटा मैजिक के नीचे दब गए। हादसा होते ही आसपास के एरिया में काम कर रहे लोग मौके पर पहुंच गए और टाटा मैजिक में फंसे लोगों को निकालकर निजी वाहन के माध्यम से नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने महिला कांता को मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरे घायलों को उपचार देकर छुट्टी दे दी। ओवरलोड होने से हुआ हादसा

टाटा मैजिक में क्षमता से ज्यादा सवारी होने के कारण हादसा हुआ है। जब टाटा मैजिक मोड पर पहुंचा तो अचानक ही नियंत्रण खो दिया और सड़क किनारे पलट गया। लोगों के अनुसार टाटा मैजिक में खड़े होने तक की जगह नहीं थी और अधिक स्पीड होने के कारण नियंत्रण खो गया। अस्पताल में बनी अव्यवस्था

नागरिक अस्पताल के पुराने भवन में इमरजेंसी के विस्तार का कार्य चलने के कारण गायनी वार्ड की जगह पर अस्थाई इमरजेंसी बनाई हुई है। जहां पर जगह बहुत ही कम है। जब एक साथ 21 लोग घायल अवस्था में पहुंचे अव्यवस्था बन गई और मरीजों को बाहर से इमरजेंसी में लेकर आने के लिए स्ट्रेचर भी एक ही था। इसके कारण मरीजों को इमरजेंसी में ले जाने के लिए आधा घंटा लग गया। इमरजेंसी में जगह नहीं होने के कारण घायलों को फर्श पर ही लेटा दिया और उनको प्राथमिक उपचार लेने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। कई महिला तो दर्द से कहराती रही, लेकिन अंदर भीड़ होने के कारण सुरक्षा कर्मी उनको इमरजेंसी से बाहर निकालते हुए नजर आए।

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