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फाने-पराली के प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी

जागरण संवाददाता, जींद : कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए नई स्कीम शुरू की गई है। स

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 06:38 PM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 06:38 PM (IST)
फाने-पराली के प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी
फाने-पराली के प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी

जागरण संवाददाता, जींद :

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कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए नई स्कीम शुरू की गई है। सीटू क्रोप रेजीडयू मैनेजमेंट स्कीम के तहत जिले में 90 कस्टम हाय¨रग सेंटर गांव समूहों में बनवाए जाएंगे। इच्छुक किसान समूह, किसानों की सहकारी सोसाइटी एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, रजिस्टर्ड किसान सोसाइटी महिला किसान समूह से आवेदन आमंत्रित किये जा रहे है। इच्छुक किसान 31 मई तक आवेदन फार्म सहायक कृषि अभियंता या उप कृषि निदेशक के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।

डीसी अमित खत्री ने बताया कि कस्टम हाय¨रग सेंटर के कुल परियोजना लागत में कम से कम 35 प्रतिशत इन-सीटू क्रोप रेजीडयू मैनेजमेन्ट मशीनरी (एसएमएस), हैप्सी सीटर, पैडी स्ट्राचोपर/ थ्रेडर/मल्चर, शर्बे मास्टर कटर कम स्प्रेटर, रिवर्सिवल एमबीप्लो, रोटरी स्लेशर, जीरो टिल ड्रील मशीन तथा रोटावेटर मे से होना अनिवार्य है। गांव-कलस्टर अनुसार आवेदनकर्ताओं का चयन लाटरी सिस्टम द्वारा किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा ब्लाक नरवाना में 36, उचाना में 15, जींद में 22, जुलाना में 13, पिल्लूखेड़ा में 17, अलेवा में 12 तथा सफीदों में 22 कस्टम हाय¨रग सेंटर इस वर्ष तक स्थापित किए जाएंगे। जिले में 47 कस्टम हाय¨रग सेंटर संचालित है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण और खेत की उर्वरा शक्ति को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए इन 8 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी। किसान खेतों में फसल अवशेष जलाने की बजाय इनको अपनी आय का स्रोत बनाएं।


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