थुआ के सरकारी स्कूल की छात्राओं ने रैली निकाल ग्रामीणों को पराली न जलाने का किया आह्वान
राजकीय कन्या उच विद्यालय थुआ की छात्राओं ने दैनिक जागरण के अभियान पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे के तहत गांव में जागरूकता रैली निकाली।
जागरण संवाददाता, जींद : राजकीय कन्या उच्च विद्यालय थुआ की छात्राओं ने दैनिक जागरण के अभियान पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे के तहत गांव में जागरूकता रैली निकाली। रैली के दौरान ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। रैली को स्कूल मुखिया अरविद खोखर ने हरी झंडी दिखाई। इससे पूर्व सुबह प्रार्थना सभा में कार्यक्रम हुआ, जिसमें छात्राओं ने पराली जलाने के नुकसान बताए। साथ ही बाल दिवस के मौके पर छात्राओं ने अभिभावकों से उन्हें अच्छा पर्यावरण देने की मांग की। स्कूल मुखिया अरविद खोखर ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण आज के दिन का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। बढ़ते प्रदूषण के कारण ही दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में कई जिलों में दो दिन के लिए स्कूल बंद किए गए हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण हैं। उनमें से पराली जलाना भी शामिल है। अपने माता-पिता को इसके बारे में बताएं और उन्हें पराली जलाने की बजाय पशु चारे में प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें। अगर खुद को जरूरत नहीं है, तो दूसरों को दें। कुछ सालों से पराली बिकने भी लगी है। इस दौरान दीपक, सीमा, रमन, अश्वनी, देवीप्रसन्न, कांता, सुदेश, पीटीआई चांदराम मौजूद रहे।
माता-पिता को बताएं इसके नुकसान
प्राथमिक स्कूल मुख्य शिक्षक सुनील आर्य ने छात्राओं को बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार व प्रशासन अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। इस काम में छात्राएं भी अहम भूमिका निभा सकती हैं। क्योंकि बेटियां अपने पिता के सबसे नजदीक होती हैं और वे अपनी बेटी की कही बात को जल्दी समझेंगे। घर जाकर अपने माता-पिता को बताएं कि खेत में आग लगाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर हो रही है। अगर फसल अवशेष को काट कर जमीन में मिलाएंगे, तो इससे पोषक तत्व बढ़ेंगे।
पीढि़यों को दें साफ वातावरण
छात्रा मिनाक्षी ने कहा कि जीवित रहने के लिए सबको ऑक्सीजन की जरूरत है। हम खुद साफ वातारण में सांस लें और आने वाली पीढि़यों के लिए भी अच्छा वातारण दें, ये हमारा कर्तव्य होना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पेड़ भी लगाएं।
दूसरों को मुसीबत में डालना गलत
छात्रा निशु ने कहा कि खुद की सुविधा के लिए दूसरों को मुसीबत में डालना गलत है। पराली को जलाएं नहीं और दूसरों को भी इसके नुकसान के बारे में जागरूक करें। छोटे-छोटे प्रयासों से ही बड़े रिजल्ट निकल कर आएंगे।