जामनी के ग्रामीण बोले, प्रदेश सरकार बढ़ाए फसलों के दाम
जमदग्नि के नाम पर ही गांव का नाम जामनी रखा गया है। गांव के उत्तर दिशा की तरफ नहर गुजरती है तो दक्षिण की तरफ से रजवाहा। खेतों में सिचाई के लिए नहरी पानी पर्याप्त है इसलिए धान की खूब पैदावार होती है।
कर्मपाल गिल, जींद :
जींद से पानीपत रोड पर 22 किलोमीटर दूर बसा है गांव जामनी। यह गांव भृगु वंश के महर्षि जमदग्नि की तपोभूमि है। जिस जगह पर महर्षि ने कई साल तप किया था, आज वहां पर मंदिर व सरोवर है। जमदग्नि के नाम पर ही गांव का नाम जामनी रखा गया है। गांव के उत्तर दिशा की तरफ नहर गुजरती है तो दक्षिण की तरफ से रजवाहा। खेतों में सिचाई के लिए नहरी पानी पर्याप्त है, इसलिए धान की खूब पैदावार होती है। आर्थिक रूप से समृद्ध गांव के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं।
प्रदेश में 12 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए यहां के लोगों का मूड जानने दैनिक जागरण की टीम गांव में पहुंचती है। तीर्थ से थोड़ा आगे चलते ही टेंट लगा मिलता है। यहां किसान दीवान सिंहरोहा के पोते की शादी है। टेंट में कई बुजुर्ग हुक्का गुड़गुड़ा रहे हैं। पहला सवाल यही होता है कि मोदी सरकार के पांच साल कैसे रहे? बुजुर्ग जिले सिंह कहते हैं कि जब तै सरकार आई सै, हाथां मैं कागज पकड़ा राखे सैं। रोज के न्यारे-न्यारे सर्वे स्कीम। मिला कुछ नी। ईब तो आधार कार्ड भी गोज मैं राखां सैं। देवीलाल के फैन रहे दीवान सिंह कहते हैं, इस सरकार नै कुछ कोनी करा। तभी आसन से आए धर्मवीर कहते हैं कि मोदी नै पूरै विश्व मैं भारत की हवा बणा दी। पहलां कुण जाणा करदा।
तभी इनेलो के नेता और इलाके के बड़े हैचरी व्यवसायी सुभाष गांगोली पहुंच जाते हैं। चुनावी चर्चा में हिस्सा लेते हुए वह कहते हैं कि जबरदस्ती फसलों का बीमा होण लाग रा सै। गेहूं नै छोड़ कै किसे फसल की खरीद कोनी होरी। ईब सरसम की देख लो कितनी बरानमाटी हो री सै। किसान सम्मान निधि के छह हजार रुपये तो वोटों के लिए रिश्वत देने की कोशिश सै। सरकार नै किसानां का भला करणा सै तो फसलां के दाम ठीक दे दे। पिसे दे कै खूब बालक नौकरी लागे सैं। खामखाई ईमानदारी का ढोल पीटण लाग रे सैं।
तभी धर्मवीर आसन बोलते हैं कि नौकरियां मैं पिस्सा कुण सी सरकार मैं कोनी चाला। मोदी नै सबतै फालतू काम करे सैं। शिक्षक राजेंद्र कहते हैं कि मोदी अर मनोहर सरकार पूरी तरह फेल है। किसानों की तो बदीनमाटी कर राखी है। लोगों को जातीय व धार्मिक आधार पर बांट दिया।
या सरकार तो व्यापारियां नै भी मारै सै
आढ़ती रमेश कहते हैं नू कहया करदे भाजपा तो व्यापारियां की सैं। या सरकार तो व्यापारियां नै भी मारै सै। आढ़ती अर किसान का भाईचारा खत्म करण लाग री सै। पीछे बैठे कर्णा घिमाना कहते हैं भाजपा के 6 एमपी और 50 एमएलए किते नी गए। थाम शर्त ला लो।
एक नंबर का आदमी सै मोदी
यहां से थोड़ा आगे बढ़ते हैं कि एक बैठक के बरामदे में 8-10 किसान ताश खेल रहे होते हैं। मोदी सरकार का कामकाज पूछने पर रिटायर सूबेदार राम सिंह कहते हैं कि एक नंबर का आदमी सै मोदी। पाकिस्तान भी अलग-थलग कर दिया। सारे मुस्लिम भी हमारी तरफ हैं। विजेंद्र कहते हैं कि बॉर्डर पै फौजी पहलां तै ज्यादा मरे सैं। किसानों के लिए कुछ कोनी होया। तभी किसान किताब बताते हैं कि म्हारै गाम के 25 बालक नौकरी लाग गे। किसे नै पिसे कोनी दिए। 200 रुपये से कम किसे फसल का भाव कोनी बढ़ा।
कांग्रेस ने आज तक कुछ नहीं दिया, 72 हजार कैसे देंगे
महा सिंह कहते हैं कि कांग्रेस ने आज तक किसान को कुछ नहीं दिया, अब 72 हजार कैसे दे देंगे। तभी इंद्र सिंह सैनी कहते हैं कि पहले सिलेंडर 500 का था, ईब 800 का है। खाद का कट्टा 900 का आया करदा, ईब 1400 का आवै सै। अर वजन भी कम कर दिया। फिर भी इंद्र सिंह कहते हैं कि वोट मोदी नै देवांगे, रमेश कौशिक नै कोनी देवां। उसनै तो कुछ कोनी करा। कदे म्हारै गाम मैं भी कोनी आया।
अच्छे दिन तो आए कोनी
बच्चन सिंह कहते हैं कि अच्छे दिन तो आए कोनी और बेरा नी। पास बैठे वीरेंद्र, प्रेम सिंह, रामकुमार पांचाल, पंडित रघुबीर, रामभगत भी मोदी के फैन हैं, लेकिन भगत सिंह एडवोकेट कहते हैं कि कुछ कहए जाओ, आम आदमी की जिदगी मैं कोए बदलाव कोनी आया।