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स्टाफ बदला लेकिन दलाल नहीं

सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भले ही आरटीए को बदलकर डीटीओ कर दिया है और क्लेरिकल तथा डाटा इंट्री स्टाफ को बदल दिया है लेकिन पैसे लेकर काम करवाने वाले दलाल अब भी यूं ही पहले की तरह कार्यालय के बाहर मंडराते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 07:20 AM (IST)
स्टाफ बदला लेकिन दलाल नहीं
स्टाफ बदला लेकिन दलाल नहीं

प्रदीप घोघड़ियां, जींद

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सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भले ही आरटीए को बदलकर डीटीओ कर दिया है और क्लेरिकल तथा डाटा इंट्री स्टाफ को बदल दिया है लेकिन पैसे लेकर काम करवाने वाले दलाल अब भी यूं ही पहले की तरह कार्यालय के बाहर मंडराते रहते हैं। यह दलाल अब नए स्टाफ के साथ जान-पहचान करने की जुगत में हैं, ताकि आगे भी अपने काम निकलवाते रहें।

प्रदेश के लगभग हर जिले में आरटीए कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत पहुंच रही थी। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार ने आरटीओ को बदलकर डीटीओ(जिला परिवहन अधिकारी) कर दिया। पहले आरटीओ के पद पर प्रमोटेड अफसर या सिनियरटी के हिसाब से तैनात कर दिया जाता था लेकिन अब डीटीओ के पद पर केवल आईएएस, एचसीएस और आईपीएस अधिकारी को ही लगाया जाएगा। इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश न के बराबर रहेगी। इसके अलावा नीचे के पदों पर काम कर रहे कच्चे कर्मियों को हटा दिया तो नियमित कर्मचारियों को रोडवेज महकमे में भेज दिया। रोडवेज के मेहनती क्लर्क और ऑपरेटरों को डीटीओ ब्रांच में बैठाया गया है।

दलालों की लिस्ट की है सरकार ने तैयार

सीएम विडो और दूसरे माध्यमों से सरकार तक शिकायतें पहुंच रही थी कि आरटीए कार्यालय में दलालों का बोलबाला है। इस पर सरकार ने खुफिया तंत्र की सहायता से दलालों की भी लिस्ट तैयार की है। इन दलालों पर तो कार्रवाई तय ही है, साथ ही जिन कर्मचारियों के साथ मिलकर यह दलाल काम करवाते थे, उन पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी। अब सरकार की लिस्ट में जींद के दलालों का नाम है या नहीं, यह बात तो फिलहाल गोपनीय है लेकिन जल्द ही इनका नाम भी पता चल सकता है।

बाहर लोग लाइन में, दलाल अंदर से करवाते थे काम

आरटीए कार्यालय के पास दलालों का इतना बोलबाला था कि विभाग से संबंधित कामों के लिए लोग लाइनों में लगे रहते थे और यह दलाल सीधे अंदर जाकर अपने काम करवाते थे। अगर लोगों के मुंह की जुबानी पर यकीन करें तो गाड़ी की पासिग हो, आरसी बनवानी हो, हेवी लाइसेंस रिन्यू करवाना हो, गाड़ियों की पासिग हो, तो दलालों के माध्यम से काम जल्दी हो जाता था। काम जल्दी करवानी की एवज में दलाल अतिरिक्त पैसे लेते थे। जिन गाड़ियों की पासिग संभव नहीं होती, दलाल उसे भी करवाने के लिए तैयार रहते थे।

नए कर्मियों से जान-पहचान की जुगत में दलाल

सरकार द्वारा सख्ती के बावजूद भी दलाल डीटीओ कार्यालय के आसपास मंडराते रहते हैं। पुराने स्टाफ बदलने के बाद नए स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है। दलाल अब नए स्टाफ के साथ जान-पहचान बनाने की जुगत में जुटे हुए हैं। हालांकि अब सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम कसने को लेकर पूरी तरह से गंभीर है, इसलिए दलालों की दाल गलनी मुश्किल हो सकती है।

दलालों पर कसा जाएगा शिकंजा : डीटीओ

डीटीओ डा. सत्येंद्र दूहन ने कहा कि दलालों पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जाएगा। दलालों को किसी भी सूरत में अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही नए कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी, ताकि आम लोगों को अपने काम करवाने में परेशानी नहीं हो।


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