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डंपिग साइट पर कूड़े की छंटनी कर बनाई जाएगी खाद

पूरे शहर का कूड़ा डोर टू डोर डंपिग साइट पर पहुंचाकर छंटनी की जाएगी। इसके लिए नगर परिषद डंपिग साइट पर शेड बनाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 05:46 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 06:12 AM (IST)
डंपिग साइट पर कूड़े की छंटनी कर बनाई जाएगी खाद
डंपिग साइट पर कूड़े की छंटनी कर बनाई जाएगी खाद

जागरण संवाददाता, जींद : पूरे शहर का कूड़ा डोर टू डोर डंपिग साइट पर पहुंचाकर छंटनी की जाएगी। इसके लिए नगर परिषद डंपिग साइट पर शेड बनाएगी। इसके नीचे कूड़े से पॉलीथिन व प्लास्टिक की अन्य चीजें अलग की जाएंगी। इसे नगर परिषद सेल करेगी। वहीं बचे हुए कूड़े से खाद बनाई जाएगी। शेड के निर्माण के लिए नगर परिषद ने टेंडर लगा दिया है जिस पर करीब 18 लाख रुपये की लागत आएगी। इससे एक ओर जहां नगर परिषद को लाखों रुपये की इनकम होगी वहीं दूसरी तरफ सालों से चली आ रही समस्या का समाधान हो सकता है।

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नगर परिषद कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए करीब दो दशक से शहर के आसपास जमीन की तलाश कर रही है। इसके लिए करोड़ों रुपये नगर परिषद के खाते में जमा है। लेकिन जमीन ना मिलने के कारण नगर परिषद को पुराना हांसी रोड पर अपनी साइट पर कूड़ा डालना पड़ रहा है, जिसका कमर्शियल प्रयोग हो सकता है। अब यहां कूड़े का पहाड़ बन चुका है, जिससे इस जगह और कूड़ा डालने में परेशानी आ रही है।

प्रतिदिन शहर से करीब 80 टन कूड़ा निकलता है। कूड़े में ज्यादातर पॉलीथिन और प्लास्टिक का सामान होता है। इसे कूड़े से अलग करने के बाद गीले कूड़े से खाद बन जाएगी। इससे डंपिग साइट पर कूड़े की मात्रा बहुत कम रह जाएगी। कूड़े के ढेर की भी होगी छंटनी

फिलहाल डंपिग साइट पर जो कूड़े का ढेर लगा हुआ है। उसमें से भी पॉलीथिन व प्लास्टिक के सामान को अलग किया जाएगा जिससे कूड़े का ढेर छोटा हो जाएगा और केवल मिट्टी बच जाएगी। इसे दूसरी जगहों पर मिट्टी भरत में प्रयोग किया जा सकेगा। गली निर्माण व दूसरे कार्यों के लिए मिट्टी खरीदनी पड़ती है। अकसर कूड़े के ढेर में आग लगी रहती है जिससे आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का दम घुटता है। पॉलीथिन की छंटाई होने के बाद कूड़े में आग नहीं लगेगी। जगह-जगह सैनेटरी पार्क नहीं बनाने पड़ेंगे

नगर परिषद ने करीब दो साल पहले रानी तालाब के पास सैनेटरी पार्क बनाया था। वहां स्कीम नंबर 19 व 20 के कूड़े ले जाकर छंटाई की जाती है। प्लास्टिक के सामान को सेल किया जाता है और गीले कूड़े से खाद तैयार की जाती है। इस तरह का प्रोजेक्ट पूरे शहर में लगाने की नगर परिषद ने योजना बनाई थी। लेकिन विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने उनके आसपास सैनेटरी पार्क बनाने पर ऐतराज जताया। डंपिग साइट पर ही जगह पर छंटाई का कार्य होने से जगह-जगह सैनेटरी पार्क नहीं बनाने पड़ेंगे। जिससे नगर परिषद का खर्च भी बचेगा। चहारदीवारी के लिए मुख्यालय भेजी फाइल

डंपिग साइट को चहारदीवारी का निर्माण कर नगर परिषद कवर भी करेगी। जिसके टेंडर के लिए नगर परिषद ने प्रशासनिक मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजा हुआ है। मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर लगाया जाएगा। डंपिग साइट पर रेलवे लाइन की तरफ पानी भी भरा हुआ है। जिसे सूखने में कुछ समय लगेगा। नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार अभी गर्मियों का सीजन आ रहा है। अप्रैल तक ये पानी सूख जाएगा या फिर इस पानी को कहीं और निकालने की व्यवस्था की जाएगी। आसपास के गांवों में कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए जमीन नहीं मिल रही है। डंपिग साइट पर लगे कूड़े के ढेर की छंटनी की जाएगी। यहां शेड का निर्माण किया जाएगा। जहां पूरे शहर का कूड़ा लाकर उसकी छंटनी करके प्लास्टिक व दूसरी चीजों को सेल किया जाएगा और बाकी कूड़े से खाद तैयार की जाएगी। चहारदीवारी बनाने के लिए जो फाइल तैयार की है, उसमें कोई तकनीकी दिक्कत थी। उसके लिए मुख्यालय फाइल भेजी गई है।

- पूनम सैनी, प्रधान, नगर परिषद, जींद


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