मां को घर से निकाल देते थे बेटे, कराया समझौता
पुलिस अधीक्षक की ओर से गठित सीएलजी की टीम ने घरेलू विवादों मजदूरी न देने लड़ाई-झगड़े नगदी न देने की 6 शिकायतों का दोनों पक्षों की आपसी सहमति से समझौता करवाया।
जागरण संवाददाता, जींद
पुलिस अधीक्षक की ओर से गठित सीएलजी की टीम ने घरेलू विवादों, मजदूरी न देने, लड़ाई-झगड़े, नगदी न देने की 6 शिकायतों का दोनों पक्षों की आपसी सहमति से समझौता करवाया। टीम के कोऑर्डिनेटर जेपी सिघल ने बताया कि सीएलजी में लोगों की शिकायतों पर गहनता से बातचीत करके दोनों पक्षों को आमने सामने बैठाकर उनका सहमति से समझौता करवाया। समझौते के लिए सीएलजी की टीम में शुक्रवार को एसपी भारद्वाज, सुभाष शर्मा, एडवोकेट घनश्याम दास, सब इंस्पेक्टर बसाऊ राम, संदीप कुमार मौजूद रहे।
जींद निवासी संतोष ने दो बेटे सतीश, सोनू व अपने पति के खिलाफ दी कि वह उसे घर से निकाल देते हैं और मारपिटाई भी करते हैं। टीम ने बेटों व पति के आपसी सहमति पर दोनों का मनमुटाव दूर करके संतोष को उसके घर भिजवा दिया। दूसरी शिकायत में दिलबाग सिंह भटनागर कालोनी जींद निवासी नेअपने बेटे जगबीर के खिलाफ दी कि उसका बेटा नाजायज तंग करता है। टीम ने बेटे व पिता के आपसी सहमति पर दोनों का मनमुटाव दूर करके पिता दिलबाग को उसके घर भिजवा दिया। जेपी सिघल ने बताया कि गांव बरसाना निवासी सुभाष ने अपने ही गांव निवासी संजय के खिलाफ मजदूरी के पैसे न देने की थी। गांव बोहतवाला निवासी कर्मबीर ने गांव लोहचब निवासी संदीप के खिलाफ मजदूरी के पैसे न देने की शिकायत दी। भतेरी गांव मुआना निवासी ने पड़ोसी अशोक संतोष के खिलाफ लड़ाई झगड़े की दी। गांव खांडा निवासी मौजीराम ने गांव निवासी सतनारायण के खिलाफ मारपीट व दुर्व्यवहार करने के बारे में शिकायत दी थी। टीम ने सभी मामलों में दोनों पक्षों को आमने सामने बैठाकर आपसी सहमति से समझौते करवा दिए।