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रोहतक-जींद फोरलेनिग के लिए आई छह फर्म

रोहतक-जींद फोरलेनिग निर्माण का जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 02:35 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:17 AM (IST)
रोहतक-जींद फोरलेनिग के लिए आई छह फर्म
रोहतक-जींद फोरलेनिग के लिए आई छह फर्म

जागरण संवाददाता, जींद : रोहतक-जींद फोरलेनिग निर्माण का जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। इसके निर्माण के लिए छह फर्मो के आवेदन आए हैं। इनकी टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड आ चुकी है। एनएचएआइ अगले कुछ दिनों में टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड खोल कर सबसे कम रेट वाली फर्म को टेंडर देगी। करीब छह साल से ये महत्वाकांक्षी परियोजना अधर में लटकी हुई है। इस परियोजना के बजट में कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बढ़ोतरी कर पहले के बजट से करीब दोगुना कर 470.63 करोड़ रुपए कर दिया था। बजट के बढ़ाने के बाद एनएचएआइ ने टेंडर मांगे थे। 17 नवंबर को इसके टेंडर ओपन होने थे, लेकिन बाद में इसकी समय-सीमा बढ़ा दी गई थी। इससे पहले रोहतक-जींद राजमार्ग फोरलेनिग परियोजना के निर्माण के लिए तीन बार टेंडर जारी कर चुका है। दो बार टेंडर में कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने बिड ही नहीं भरी। दोनों बार एक-एक बिड आने के कारण टेंडर को रद कर दिया। तीसरी बार दो कंस्ट्रक्शन कंपनियों की ओर से बिड भरी गई, लेकिन एनएचएआइ ने दोनों बिडों की जब फाइनेंशियल बिड की जांच की, तो उसमें रेट काफी ज्यादा पाए गए। इसके कारण टेंडर रद कर दिए गए। कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था काम

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इस परियोजना पर कांग्रेस सरकार में काम शुरू हुआ था, लेकिन परियोजना अधर में लटक गई और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। आर्बिटेशन ट्रिब्यूनल में भी सुनवाई हुई। लेकिन ट्रिब्यूनल में मामले का कोई समाधान नहीं हो पाया। इसके बाद फिर से कंस्ट्रक्शन कंपनी एमएस विल प्राइवेट लिमिटेड ने मामले को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी। इसके बाद एनएचएआइ ने हाईकोर्ट से अधूरी विकास परियोजना के निर्माण के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने की छूट मांगी। इसको हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की सिगल बेंच ने नौ जनवरी 2017 को फैसला सुना एनएचएआइ की ओर से कंस्ट्रक्शन कंपनी एमएस विल प्राइवेट लिमिटेड के टर्मिनेट किए वर्क ऑर्डर को सही करार दिया था, लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में डबल बेंच के पास पहुंच गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले के समाधान के लिए आर्बिटेशन ट्रिब्यूनल गठित करने के निर्देश दिए थे। किया जा रहा पैचवर्क

रोहतक से पंजाब बॉर्डर पर दातासिंह वाला तक फोरलेनिग का काम होना था। अनूपगढ़ से दातासिंहवाला तक तो फोरलेनिग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं, अनूपगढ़ से रोहतक प्रोजेक्ट अधर में लटक गया। रोहतक-जींद फोरलेन बनने के इंतजार में अनूपगढ़ से रोहतक के बीच में सड़क खस्ताहाल हो गई है। कई जगहों पर गहरे गड्ढे हो गए। इन्हें भरने के लिए एनएचएआइ बार-बार पैचवर्क करा कर काम चला रही है। अभी भी जुलाना के पास पैचवर्क का कार्य चल रहा है। महत्वपूर्ण है ये प्रोजेक्ट

जींद जिले के विकास के लिए जींद-रोहतक फोरलेन प्रोजेक्ट बनकर तैयार होना बहुत जरूरी है। अनूपगढ़ से दातासिंहवाला तक चल रहे फोरलेन प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है लेकिन अनूपगढ़ से रोहतक तक फोरलेन प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू न होने से इस फोरलेन प्रोजेक्ट का पूरा फायदा लोगों को नहीं मिल पाएगा। फोरलेन प्रोजेक्ट के पूरा होने से न केवल वाहन चालकों की परेशानी दूर होगी। जिले में बड़ी कंपनियां भी उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होंगी। रोहतक-जींद फोरलेनिग के लिए छह फर्मों के आवेदन आए हैं। जिनकी टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड मिल चुकी हैं। जल्द ही दोनों बिड खोल कर टेंडर दिया जाएगा। जब तक प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो जाता, तब तक जहां-जहां सड़क टूटी हुई है। वहां पैचवर्क किया जा रहा है।

वीके शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जींद-रोहतक फोरलेनिग रोहतक


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