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छोटूराम जयंती पर ऑनलाइन संगोष्ठी में आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका से जुड़े वक्ता

दीनबंधु छोटू राम मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी नई दिल्ली और हरियाणवी कुणबा साउथ ऑस्ट्रेलिया के तत्वावधान में रहबरे आजम दीनबंधु सर छोटू राम के जन्मदिवस पर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 06:20 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 06:20 AM (IST)
छोटूराम जयंती पर ऑनलाइन संगोष्ठी में आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका से जुड़े वक्ता
छोटूराम जयंती पर ऑनलाइन संगोष्ठी में आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका से जुड़े वक्ता

जागरण संवाददाता, जींद: दीनबंधु छोटू राम मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी नई दिल्ली और हरियाणवी कुणबा साउथ ऑस्ट्रेलिया के तत्वावधान में रहबरे आजम दीनबंधु, सर छोटू राम के जन्मदिवस पर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि हिसार से लोकसभा सांसद और चौधरी छोटूराम के नाती चौधरी बृजेंद्र सिंह ने शिरकत की।

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उन्होंने सर छोटूराम को एकता और अखंडता के प्रतीक, हरित क्रांति के अग्रदूत, मंडी व्यवस्था के प्रणेता, राष्ट्रीय निर्माता, युगपुरुष और युग प्रवर्तक बताते हुए कहा कि ऐसे महापुरुषों का जन्म सदियां बीत जाने के बाद ही होता है। उन्होंने अपनी नीली कोठी रोहतक, सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय लाइब्रेरी के दस्तावेजों के अध्ययन के बारे में विस्तृत रूप से व्याख्या की। सांसद ने कहा कि सर छोटूराम ने मंडी व्यवस्था को आरंभ किया था, जिसके कारण आज संयुक्त पंजाब का किसान समृद्ध है। आज के आंदोलन के बारे में खड़ा पानी रहने से शुद्धता में फर्क पड़ने के उदाहरण सहित समझाया कि किसानों को गेहूं, धान, कपास के चक्र से निकलना होगा।

कार्यक्रम के आयोजक दीनबंधु छोटू राम मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी नई दिल्ली के अध्यक्ष चौधरी आजाद सिंह लाकड़ा ने संगोष्ठी में जुड़े सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। आस्ट्रेलिया में हरियाणवी कुणबा के संयोजक और काउंसलर सिटी ऑफ वेस्ट टोरेन्स सुरेन्द्र पाल चहल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस और लोकायुक्त जस्टिस प्रीतमपाल ने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी के समय में भी समाज हित के लिए निस्वार्थ भाव से इतने कार्य करने वाला सर छोटूराम जैसा राजऋषि आज तक हमारे देश में कोई भी पैदा नहीं हुआ है। उन्होंने भाखड़ा बांध पर सर छोटू राम का स्टैच्यू लगाने और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में सर छोटूराम के नाम से चेयर बनाए जाने का प्रस्ताव सार्वजनिक तौर पर पास करवाया ताकि उनके कार्यों पर शोध कार्य लगातार होता रहे।

अमेरिका से विशिष्ट अतिथि के तौर पर जुड़ी मूल रूप से सांपला की संतोष आर्या ने बचपन में छोटू राम जयंती मनाने वाली घटनाओं को बड़े रोचक ढंग, सर छोटू आर्य हो गया है, कविताई के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए आज के भारत के हालातों का हूबहू वर्णन किया। अमेरिका से ही सुमेधा डबास और इंग्लैंड से कुलदीप अहलावत ने छोटूराम से जुड़ी गूढ़ बातें साझा की। दयानन्द कॉलेज, हिसार के प्रबुद्ध शिक्षक डॉ. महेंद्र सिंह, रिटायर्ड एचसीएस रामअवतार एकलव्य, दयाल सिंह कॉलेज करनाल के पूर्व प्रिसिपल डॉ. रामजी लाल और पत्रकार धर्मबीर निडाना ने छोटूराम के विचारों को आज के समय के लिए प्रासंगिक बताया। हिसार के दो छोटे बच्चों मयंक और गीतिका ने सर छोटू की कविता सुनाई। इस अवसर पर चार देशों से जूम एप एवं ऑनलाइन फेसबुक और यू-ट्यूब के माध्यम हजारों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। आस्ट्रेलिया से आईटी सेल का संचालन गौरव फोर, अमित पोड़िया, निशान चहल, सोनिया बाल्यान एवं नीलम चहल और भारत से मनीष तथा विरेंद्र सिधु ने बखूबी निभाया। मंच संचालन चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा क सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिल ने किया।


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