सफीदों में बंद किए रास्ते, दिखा असर
तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का सड़क मार्गो पर जबरदस्त असर देखने को मिला।
संवाद सूत्र, सफीदों : तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का सड़क मार्गो पर जबरदस्त असर देखने को मिला। किसान शुक्रवार सुबह ही सड़कों पर अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों मे आ गए और अपना विरोध जाहिर करते हुए सड़कों को जाम कर दिया। किसानों ने सफीदों के खानसर चौक पर जाम लगाकर सफीदों-असंध-कैथल, गांव सिल्लाखेड़ी व बूढ़ाखेड़ा में सफीदों-जींद व गांव हाट में सफीदों-गोहाना मार्ग को जाम कर दिया। सिल्लाखेड़ी गांव के किसानों ने सफीदों-जींद मार्ग पर बीचोंबीच पेड़ डाल दिया। सिल्लाखेड़ी, बूढ़ाखेड़ा व हाट गांव के जाम में महिलाओं की भागीदारी देखने को मिली। सड़कों पर जाम की स्थिति यह थी कि केवल एंबुलेंस वगैरह को छोड़कर किसी को भी आगे जाने नहीं दिया। हालात यह रही कि एसएचओ सदर संजय कुमार जींद रोड पर जा रहे थे कि सिल्लाखेड़ी में किसानों ने उन्हें रोक लिया। एसएचओ ने किसानों को काफी समझाने का प्रयास किए, लेकिन किसानों ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। एसएचओ को किसी अन्य मार्ग से होकर आगे जाना पड़ा। नगर के खानसर चौक पर एक एंबुलेंस आई तो वहां मौजूद किसानों ने उसे रास्ता देकर आगे के लिए रवाना किया। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। वाहन चालकों को हुई परेशानी
चारों ओर से सड़क जाम होने के कारण वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वाहन चालक अपने गंतव्य पर जाने के लिए लिक मार्गो पर भटकते हुए दिखाई पड़े। किसानों का कहना था कि केंद्र सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है। सरकार अपनी गलतियों को सुधारने के बजाय किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। सरकार को चाहिए कि वह अहंकार का रास्ता त्याग कर किसानों की बातों को सुने और उनकी मांगों को तत्काल प्रभाव से मानते हुए तीनों काले कानूनों को निरस्त करे। सरकार अपने जेहन से निकाल दे कि आंदोलन कमजोर होने वाला है।