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कृषि कानूनों की वापसी ही जान गंवाने वाले किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि : रणदीप सुरजेवाला

कृषि कानून की वापसी ही जान गंवाने वाले किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह बात रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी व महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसान आंदोलन में कही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 09:55 AM (IST)
कृषि कानूनों की वापसी ही जान गंवाने वाले किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि : रणदीप सुरजेवाला
कृषि कानूनों की वापसी ही जान गंवाने वाले किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि : रणदीप सुरजेवाला

संवाद सूत्र, नरवाना : कृषि कानून की वापसी ही जान गंवाने वाले किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह बात रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी व महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले गांव उझाना के इंद्र सिंह व गांव हंसडहर के किसान रलदू राम की श्रद्धांजलि सभा के दौरान कही।

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सुरजेवाला ने कहा कि किसान पिछले आठ माह से अपने घर खेत छोड़कर गर्मी, सर्दी व बारिश की मार झेलते हुए दिल्ली बार्डर पर तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। केंद्र व प्रदेश सरकार में सत्ता का सुख भोग रहे नेताओं के मुंह से किसानों की मौत पर एक भी शब्द नहीं निकलना उनकी किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि गांव उझाना हीं नहीं, बल्कि देश का हर किसान आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहा है।

इस मौके पर बृजेंद्र सुरजेवाला, ईश्वर नैन, जियालाल गोयल, भारत भूषण गर्ग, कैलाश सिगला, रामपाल उझाना, राजू प्रजापति, सतबीर दबलैन, दिलबाग नैन, रोहताश सिगला, अभिषेक नैन मौजूद रहे।

डा. राजकुमार गोयल बने राजकीय महाविद्यालय आइक्यूएसी के सदस्य

जासं, जींद : डा. राजकुमार गोयल को राजकीय महाविद्यालय जींद के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी) का सदस्य नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति महाविद्यालय की प्राचार्या शीला दहिया द्वारा की गई है। उनका नाम लोकल सोसायटी नोमनी के तौर पर नामांकित किया गया है। सदस्यता की अवधि दो वर्ष रहेगी।

राजकुमार गोयल का कहना है कि राजकीय महाविद्यालय जींद हमेशा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। आगे भी महाविद्यालय की प्रतिबद्धता बनी रहे और महाविद्यालय प्रगति की ओर अग्रसर रहे ऐसे मे वे अपनी सामाजिक रूप से अपने विचार और सहयोग महाविद्यालय को देते रहेंगे।


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