Move to Jagran APP

रामराय तीर्थ पर महीने के अंदर दूसरी बार हुआ विस्फोट, सनसनी

रामराय गांव के रामहृदय तीर्थ पर एक माह के अंदर दूसरा धमाका होने से सनसनी फैल गई है। इससे गांव में दहशत का माहौल है और पुलिस के लिए भी यह मामला चुनौती बना हुआ है। धमाका करने के लिए दो ऐसे दिन चुने गए जब यहां स्नान और पूजा-पाठ के लिए गांव और आसपास के बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:04 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 07:04 AM (IST)
रामराय तीर्थ पर महीने के अंदर दूसरी बार हुआ विस्फोट, सनसनी
रामराय तीर्थ पर महीने के अंदर दूसरी बार हुआ विस्फोट, सनसनी

जागरण संवाददाता, जींद : रामराय गांव के रामहृदय तीर्थ पर एक माह के अंदर दूसरा धमाका होने से सनसनी फैल गई है। इससे गांव में दहशत का माहौल है और पुलिस के लिए भी यह मामला चुनौती बना हुआ है। धमाका करने के लिए दो ऐसे दिन चुने गए, जब यहां स्नान और पूजा-पाठ के लिए गांव और आसपास के बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पहले 21 मार्च को धमाका किया गया था और दूसरा बुधवार को। दोनों ही बार एक ही तरह से प्रेशर कूकर में पोटाश डालकर धमाका किया गया है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।

loksabha election banner

बुधवार सुबह करीब पांच बजे परशुराम घाट स्थित धर्मशाला में धमाका हुआ। धमाके से लोग डर गए। बाद में लोग मौके पहुंचे। वहां एक प्रेशर कूकर फटा हुआ था और आसपास टुकड़े बिखरे हुए थे। धमाके की वजह से दीवार और फर्श में दरार में आ गई थी। वहीं उसके साथ लगते धर्मशाला के दूसरे कमरे में प्रेशर कूकर और उसका ढक्कन मिला। प्रेशर कूकर जलने की वजह से पूरी तरह से काला हो चुका था। बताया जा रहा है कि घाट के पास बने दो कमरों में एक-एक कूकर रखा गया था। एक कमरे में रखा कूकर तो फट गया, लेकिन दूसरा कूकर लीक होने से नहीं फटा। गनीमत यह रही कि जिस समय कूकर फटा, उस समय वहां कोई नहीं था, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। हादसे के बाद सदर थाना पुलिस और सीआइए इंचार्ज टीम के साथ मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाकर जांच शुरू कर दी।

-----------------

तीर्थ का है ऐतिहासिक महत्व

ग्रामीणों के अनुसार भगवान श्रीराम यहां आए थे, उन्हीं के नाम से रामहृदय तीर्थ है। रामहृदय तीर्थ जींद से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर जींद-हांसी मार्ग पर स्थित गांव रामराय में है। मान्यता है कि रामहृदय तीर्थ में भगवान परशुराम ने यज्ञ किया था। यह महाभारत युद्ध का दक्षिण द्वार भी था। महाभारत युद्ध के दौरान सैनिकों को इसकी परिधि से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस तीर्थ में स्नान करने से मनुष्य के सभी जन्मों के पाप उतर जाते हैं और सभी मन्नतें पूरी होती हैं।

-------------------

आते हैं हजारों श्रद्धालु

हर महीने पर पूर्णिमा पर यहां मेला लगता है और दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु यहां स्नान करने के लिए आते हैं। वहीं त्रयोदशी के दिन पति की मृत्यु होने पर विधवाएं तीर्थ में स्नान करने आती हैं और उसके पुराने कपड़े उतार कर नए कपड़े पहनती हैं। पिछला धमाका हुआ था, उस दिन (21 मार्च) पूर्णिमा थी और बुधवार को त्रयोदशी। इसलिए पुलिस मान रही है कि धमाका करने वालों का मकसद लोगों में दहशत फैलाना है। लोगों के अनुसार 21 मार्च को धमाके के बाद गाड़ी में बैठ कर कुछ युवक वहां से जाते हुए दिखाई दिए थे, लेकिन बुधवार को घटना स्थल के आसपास कोई दिखाई नहीं दिया।

-------------------

खौफ पैदा करना या आतंकी साजिश

श्रद्धालुओं का यह भी मानना है कि कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो इस तीर्थ के प्रति लोगों की आस्था को खत्म करना चाहता हो। विस्फोट होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं में खौफ पैदा हो जाए और वे यहां आना बंद कर दें। कुछ लोगों का मानना है कि ये आतंकी साजिश भी हो सकती है।

खुलेआम होती पोटाश की बिक्री

विस्फोट के लिए प्रेशर कूकर में पोटाश का उपयोग किया गया है। इस पोटाश का उपयोग किसान खेतों में पशु-पक्षियों को डराने के लिए करते हैं। पुलिस के अनुसार पोटाश को प्रेशर कूकर के अंदर डाल कर आग पर रखा गया। आग की वजह से पोटाश से गैस बनने से दबाव में धमाका हुआ। पोटाश शहर और गांवों में भी आसानी से दुकानों पर मिल जाता है। खुलेआम हो रही इस विस्फोटक सामग्री की बिक्री सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। जबकि पुलिस का मानना है कि पोटाश में कोई ऐसी विस्फोटक सामग्री नहीं है, जिससे कोई नुकसान हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.