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सफीदों के रामनिवास गोयल शाहदरा से दूसरी बार आप के विधायक बने

दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बंपर जीत में जींद जिले का प्रतिनिधित्व भी शामिल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 08:00 AM (IST)
सफीदों के रामनिवास गोयल शाहदरा से दूसरी बार आप के विधायक बने
सफीदों के रामनिवास गोयल शाहदरा से दूसरी बार आप के विधायक बने

संवाद सूत्र, सफीदों : दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बंपर जीत में जींद जिले का प्रतिनिधित्व भी शामिल है। शाहदरा सीट से आप की टिकट पर दूसरी बार जीते रामनिवास गोयल जिले के सफीदों विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं।

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सफीदों के पुराने बाशिदे रहे रामनिवास गोयल ने दिल्ली की शाहदरा सीट पर भाजपा के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को करीब 7500 वोटों से परास्त किया है। रामनिवास की जीत पर अग्रवाल वैश्य समाज सफीदों व उनके परिवार के लोगों ने लड्डू बांटकर व पटाखे छुड़ाकर खुशी का इजहार किया। इस खुशी के मौके पर अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल, आम्त्मा राम गोयल, सतनारायण गोयल, हुकम चंद गोयल, अरूण गोयल, वरूण गोयल, जगजीत सिंह, दीपक गोयल, रामनिवास गर्ग, अशोक गोयल, राजेश मित्तल, अमित गर्ग, अनिल राणा व नरेश जैन सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे। रामनिवास गोयल पिछले कार्यकाल में दिल्ली विधानसभा के स्पीकर थे। सीएम अरविद केजरीवाल ने उन पर फिर से विश्वास जताते हुए शाहदरा से उनको फिर से टिकट प्रदान किया तथा रामनिवास ने भारी मतों से जीत हासिल की।

1964 में दिल्ली गया था परिवार

रामनिवास गोयल का परिवार सन 1964 तक सफीदों में रहा। उसके बाद यहां से दिल्ली चला गया था। रामनिवास गोयल के पिता स्वर्गीय चतुर्भुज गोयल सफीदों अनाज मंडी में आढ़त का व्यवसाय करते थे। तब रामनिवास सफीदों के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ते थे। होनहार विद्यार्थी होने के साथ-साथ रामनिवास राजनीति में भी थोड़ी-थोड़ी रुचि रखते थे। सफीदों से दिल्ली जाने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में कारोबार साबित कर लिया और वहां की राजनीति में थोड़ा-थोड़ा हिस्सा लेने लगे थे।

संघ से शुरू की राजनीति

रामनिवास ने राजनीति की शुरुआत संघ और भाजपा से की थी। इमरजेंसी के दौरान उन्होंने 18 महीने की जेल भी काटी थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया और सन 1993 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी रहे। उसके उपरांत वे सन 1998 तक दिल्ली विधानसभा में विधायक रहे और लगातार राजनीति में बने रहे। किन्ही मनमुटावों के बीच वर्ष 2005 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को अलविदा कह दिया था। रामनिवास गोयल का राजनीति में इतना बड़ा कद था कि आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविद केजरीवाल ने स्वयं उनके निवास पर जाकर उनको पार्टी में शामिल किया था।


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