टेंडर प्रक्रिया में उलझी रेलवे की जमीन पर पार्क बनाने की योजना
जागरण संवाददाता, जींद : रेलवे की खाली जमीन पर पार्क विकसित करने की योजना ठंडे बस्ते में जा
जागरण संवाददाता, जींद : रेलवे की खाली जमीन पर पार्क विकसित करने की योजना ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। पार्क विकसित करने के लिए नगर परिषद को कोई एजेंसी नहीं मिल रही है। तीन पार्कों के लिए तीसरी बार टेंडर मांगें गए हैं। जबकि दो पार्कों के लिए दूसरी बार टेंडर मांगे गए हैं, जिसकी फाइनेंसियल बिड खुलनी है। टेंडर प्रक्रिया में ही कई माह बीत चुके हैं, लेकिन पार्क विकसित होने का काम कब शुरू होगा। इस बारे में कुछ तय नहीं है। टेंडर होने के बाद छह महीने में पार्क विकसित करने में समय लगेगा।
रेलवे की जमीन पर बनने वाले पांच पार्को पर 368.48 करोड़ रुपये की राशि नगरपरिषद खर्च करेगी। सांसद रमेश कौशिक ने एक साल पहले 20 नवंबर को रोहतक-भिवानी रोड के बीच रेलवे फाटक के पास बनने वाले पार्क का शिलान्यास किया था। शिलान्यास किए एक साल का समय बीत जाने के बावजूद अभी तक पार्क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद नगर परिषद की हाउस की मी¨टग में सांसद रमेश कौशिक की अध्यक्षता में पांच जगह पार्क विकसित करने के लिए प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद नगर परिषद ने इन पांचों पार्को के लिए टेंडर मांगे। लेकिन पार्क विकसित करने के लिए कोई एजेंसी नहीं आई। दूसरी बार टेंडर मांगे, जिसमें तीन पार्कों के लिए किसी एजेंसी ने टेंडर नहीं लगाए। जबकि दो पार्कों के लिए दूसरी बार लगाए गए टेंडर की फाइनेंसियल बिड सोमवार सायं खोली गई। वहीं तीन पार्को के लिए तीसरी बार टेंडर मांगे गए हैं, जिसकी अंतिम तिथि 20 नवंबर है।
आसपास की कॉलोनी के लोगों को होगा फायदा
शहर में रेलवे लाइन के साथ लगती रेलवे की जमीन खाली पड़ी हुई है। जहां झाड़ियां उगी हुई है या फिर गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे आसपास की कॉलोनी निवासियों को परेशानी रहती है। इन कॉलोनियों में पार्क की भी सुविधा नहीं है। पार्क विकसित होने के बाद जहां गंदगी व झाड़ियों से छुटकारा मिलेगा। वहीं पार्क बनने के बाद यहां बैठने व बच्चों को खेलने की भी सुविधा मिलेगी। नगर परिषद द्वारा टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन किसी एजेंसी के टेंडर नहीं आए। इस वजह से पार्क निर्माण में देरी हुई। अब दो पार्कों के निर्माण के लिए एजेंसियां आ चुकी हैं। जल्द ही प्रक्रिया पूरी करके काम शुरू कराया जाएगा। वहीं बाकी पार्कों के लिए भी टेंडर लगाए हुए हैं। पार्क बनने के बाद शहर का सौंदर्यकरण बढ़ेगा और आसपास की कॉलोनी के लोगों को भी सुविधा मिलेगी।
पूनम सैनी, प्रधान, नगर परिषद, जींद