इंडस्ट्रियल एरिया का कलेक्टर रेट घटाने का प्रस्ताव
मार्केट में जमीन के दामों में मंदी के बावजूद शहर के इलाकों का कलेक्टर रेट बढ़ सकता है। जिला प्रशासन ने नए वित्तीय वर्ष में कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। जबकि इंडस्ट्रियल एरिया का कलेक्टर रेट घट सकता है। प्रस्तावित रेटों पर लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं।
कर्मपाल गिल, जींद : मार्केट में जमीन के दामों में मंदी के बावजूद शहर के इलाकों का कलेक्टर रेट बढ़ सकता है। जिला प्रशासन ने नए वित्तीय वर्ष में कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। जबकि इंडस्ट्रियल एरिया का कलेक्टर रेट घट सकता है। प्रस्तावित रेटों पर लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं। इन आपत्तियों को सुनने के बाद नए रेटों पर मुहर लगेगी।
लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते जिला प्रशासन नए कलेक्टर जारी नहीं कर पाया था। इस कारण अभी तक पुराने कलेक्टर रेट के हिसाब से ही स्टांप ड्यूटी वसूली जा रही है। अब जून में पांच महीने के लिए नए कलेक्टर रेट जारी किए जाएंगे। इसके बाद अक्टूबर में फिर नए कलेक्टर रेट निर्धारित किए जाएंगे। प्रशासन ने सभी सब डिवीजन से फील्ड रिपोर्ट लेने के बाद नए कलेक्टर रेट की फाइल तैयार कर ली है। सिर्फ जींद में ही कलेक्टर बढ़ाए जाएंगे, जबकि बाकी सब डिवीजन में पुराने रेट ही लागू रहेंगे। जींद में सबसे ज्यादा डीआरडीए के सामने हुडा मार्केट और लघु सचिवालय से राजकीय कॉलेज तक दोनों तरफ व्यावसायिक जमीनों का कलेक्टर रेट 32 हजार से 35 हजर रुपये करने का प्रस्ताव है। अर्बन एस्टेट के सेक्टर 6 व 7 का कलेक्टर रेट भी 15 हजार से 16 हजार करने का प्रस्ताव है। बाईपास गोहाना रोड से रोहतक रोड चौक तक और बस स्टैंड के पीछे शिव कॉलोनी का कलेक्टर रेट 8 हजार से 9 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। शिव कॉलोनी में ज्यादातर खाली प्लॉट अब बहुत कम हैं। बाईपास गोहाना रोड से रोहतक रोड चौक तक सड़क चौड़ी बनने के कारण यहां का कलेक्टर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इंडस्ट्रियल एरिया का कलेक्टर रेट 8000 रुपये प्रति वर्ग गज से घटाकर 7500 रुपये करने का प्रस्ताव है। दो साल पहले भी प्रशासन ने यह प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन तब मुख्यालय से मंजूरी नहीं मिल पाई थी। प्रस्तावित कलेक्टरों रेटों पर आपत्तियां सुनने के बाद फाइल मुहर के लिए कमिश्नर के पास भेजी जाएगी। --ए, बी, सी कैटेगरी के मकानों का कलेक्टर रेट भी बढ़ेगा
प्रशासन ने ए, बी व सी कैटेगरी के मकानों का कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। ए क्लास के निर्माण भवनों के लिए शहर में आरसीसी सीमेंट प्लस्तर बाहर व भीतर सीमेंट से दीवारों की चिनाई, लेंटर की छत से बने हुए मकानों का कलेक्टर 800 से 1000 रुपये प्रति वर्ग फुट करने का प्रस्ताव है। बी क्लास के निर्माण भवनों के लिए शहर में चिनाई पक्की ईंटों की छत सीमेंट की ईंटों का फर्श पत्थर की छत दीवारों पर बाहर व भीतर सीमेंट व गार का प्लस्तर वाले मकानों का कलेक्टर रेट 600 से 800 रुपये प्रति वर्ग गज करने का प्रस्ताव है। इसी तरह सी क्लास के निर्माण भवनों के लिए उपरोक्त स्थल वर्ग श्रेणी के निर्माण के अतिरिक्त ईंट की मिट्टी से चिनाई, कच्ची दीवार व कच्चा फर्श के मकानों का कलेक्टर रेट 500 से 600 रुपये प्रति वर्ग गज करने का प्रस्ताव है। साल में दो बार निर्धारित होते हैं कलेक्टर रेट
पिछले दो साल से प्रदेश में कलेक्टर रेट हर छह महीने बाद रिवाइज किया जाता है। अब जून के बाद नया कलेक्टर रेट अक्टूबर में निर्धारित किया जाएगा। जबकि पहले सिर्फ नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अप्रैल में एक बार सालभर के लिए कलेक्टर रेट निर्धारित किया जाता था। मार्केट में खरीदार नहीं
प्रोपर्टी से जुड़े शील कुमार गिल कहते हैं कि शहर के प्रोपर्टी के खरीदार ही नहीं हैं। जमीनों का मार्केट रेट लगातार नीचे जा रहा है। जमींदार की भूमि के रेट बहुत कम हो गए हैं। अब आम खरीदार जमीन खरीदने से बचने लग गया है। इसलिए कलेक्टर कम किए जाने चाहिए। घटना चाहिए कलेक्टर रेट
प्रोपर्टी से जुड़े जसबीर बहबलपुर का कहना है कि कलेक्टर बढ़ाने के बजाय घटाना चाहिए। प्रोपर्टी मार्केट पर मंदी की मार है। कलेक्टर रेट बढ़ा तो लोगों पर बोझ पड़ेगा। लेन-देन कम हुआ तो सरकार को राजस्व का भी नुकसान होगा। कई कॉलोनियों में मार्केट रेट से कलेक्टर रेट ज्यादा है।